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दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है, जिसमें अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी कि क्षेत्र में सभी नुकसान और अवैध गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से हटाया जाए.

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दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने अधिकारियों को चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना और उसके आसपास के क्षेत्रों में कमियों और अवैध गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया क्षेत्र में अवैध गतिविधियों और कमियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और एमसीडी (MCD) और दिल्ली पुलिस को कानून के अनुसार यथासंभव शीघ्रता से उन्हें हटाना चाहिए.

कोर्ट ने संबंधित डीसीपी और डीसी को अगली सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहने के लिए कहा है.

आने वाले लोगों को असुविधा हो रही

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है, जिसमें अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी कि क्षेत्र में सभी नुकसान और अवैध गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से हटाया जाए. याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली ने कहा कि चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना का क्षेत्र एमसीडी, दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस सहित अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से उपेक्षित है.

इस स्थिति के कारण आम जनता को असुविधा हो रही है खासकर चांदनी चौक आने वाले लोगों और वहां काम करने वाले लोगों को. अधिकारियों की लापरवाही के कारण चांदनी चौक रोड और आसपास के इलाकों की सफाई और रखरखाव में खतरनाक गिरावट आ रही है.

अधिवक्ता रल्ली ने यह भी कहा कि मुख्य चांदनी चौक रोड पर नशेड़ी और आवारा लोग जमा होने लगे हैं और रखरखाव एजेंसी का अनुबंध बिना किसी व्यवस्था के समाप्त हो गया है, जिससे इलाके की स्थिति अस्वच्छ हो गई है. नो वेंडिंग जोन में फेरीवालों आदि द्वारा अवैध अतिक्रमण को अधिकारियों द्वारा अनियंत्रित छोड़ दिया गया है.

अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं: कोर्ट

कोर्ट  ने इसे चौंकाने वाली स्थिति बताते हुए अधिकारियों द्वारा चांदनी चौक क्षेत्र के रखरखाव पर सवाल उठाया. चीफ जस्टिस मनमोहन ने टिप्पणी की कि इलाके में सब कुछ टूटा हुआ है और हर जगह गंदगी और कचरा पड़ा हुआ है. अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं.

पीठ ने एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (SRDC), दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को दो सप्ताह के भीतर मामले में अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही संबंधित डीसीपी के साथ-साथ क्षेत्र के डीसी को भी अगली सुनवाई की तारीख 9 जनवरी 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए तलब किया.

-भारत एक्सप्रेस



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