दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता के चुनाव को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को लिखित में अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लीगल सर्विस कमेटी से संपर्क करने और एक वकील नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष अपने मामले में बहस करने में सक्षम नही है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता न तो अदालत की ठीक से सहायता कर सकता है और न ही अपने लिए वकील कर रहा है. ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका के प्रति गंभीर नही है.
अब कोर्ट फरवरी 2025 में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. यह याचिका रोहिणी विधानसभा के एक मतदाता रमेश खत्री नामक व्यक्ति ने दायर की है.
चुनाव को रद्द करने की मांग
याचिका में दोनों नेताओं के विधानसभा चुनाव परिणाम को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में केजरीवाल और गुप्ता पर निर्वाचन आयोग में अपने चुनाव खर्च के बारे में सही ब्योरा नहीं देने का आरोप लगाया गया है. इसी आधार पर उन दोनों की चुनाव को रद्द करने की मांग की है.
याचिकाकर्ता का क्या कहना
याचिकाकर्ता ने कहा है कि इन दोनों ही नेताओं ने गलत जानकारी देकर जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 का उल्लंघन किया है. अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा से चुनाव विजयी हुए थे, जबकि भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता रोहिणी विधानसभा जे चुनाव जीते हैं. 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली हैं और भाजपा को आठ सीटें मिली हैं.
- भारत एक्सप्रेस
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