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दिल्ली हाईकोर्ट ने आशा किरण आश्रय गृह से सभी विदेशी बंदियों को फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस में स्थानांतरित करने का दिया आदेश

कोर्ट ने यह संशोधन दिल्ली सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद किया है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पिछले आदेश में संशोधन की मांग की थी.

Delhi Highcourt

दिल्ली हाई कोर्ट.

दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में 14 लोगों की मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश को संशोधित किया है. हाईकोर्ट ने आशा किरण आश्रय गृह से सभी विदेशी बंदियों को फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) शहजादाबाद में स्थानांतरित करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने गृह विभाग के FRRO और दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के अंदर आशा किरण से विदेशी बंदियों को शहजादाबाद FRRO केंद्र में स्थानांतरित करने में समाज कल्याण विभाग और GNCDT के साथ सहयोग करने को कहा है.

कोर्ट ने यह संशोधन दिल्ली सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद किया है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पिछले आदेश में संशोधन की मांग की थी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इस आशा किरण आश्रय गृह में 570 लोगों को रखने की क्षमता है. जबकि फिलहाल 928 लोग रह रहे है. दिल्ली हाई कोर्ट ने क्षमता से ज्यादा रह रहे कैदियों को जगह ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने मेडिकल और गैर-मेडिकल स्टाफ की कमी पर चिंता जाहिर किया था.

हाईकोर्ट ने समाज कल्याण सचिव को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि यदि केंद्र में भीड़-भाड़ है, तो वहां रहने वाले लोगों को किसी दूसरे अच्छे स्थान पर भेजा जाना चाहिए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया था कि वह व्यक्तिगत रूप से आशा किरण केंद्र का दौरा कर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपे. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था जिन महिलाओं की मौत हुई है. उनमें से अधिकतर महिलाओं को टीबी की बीमारी थी.

बता दें कि जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में एक बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी. आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक फरवरी से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

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-भारत एक्सप्रेस

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