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दिल्ली शराब नीति घोटाला: निचली अदालत में केजरीवाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार

दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित आरोपी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.

Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो).

दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित आरोपी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है.

हाईकोर्ट ने ईडी को भी एक नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब मांगा है. अब 20 दिसंबर को इस मामले में हाईकोर्ट अगली सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है. कोर्ट ने इस पर ईडी को हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही केजरीवाल ने उनके खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल ने याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने में सक्षम अथॉरिटी से आवश्यक मंजूरी ईडी की ओर से नहीं ली गई है. लिहाजा, ट्रायल कोर्ट का चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश गलत है.

सीएम केजरीवाल ने अपने बचाव में कहीं ये बातें

केजरीवाल ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने अपने आदेश में पीएमएलए की धारा 3 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की है. केजरीवाल का यह भी कहना है कि अभियोजन के लिए सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत पूर्व मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है. लेकिन उनके मामले में ईडी ने ऐसा नही किया है. जबकि केजरीवाल कथित अपराध के समय एक लोक सेवक (मुख्यमंत्री) थे.

12 जुलाई को कोर्ट ने दी थी अंतरिम जमानत

12 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. लेकिन सीबीआई के मामले के चलते वो जेल से बाहर नही आ पाए थे. 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए. ईडी ने 21 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए केजरीवाल को गिरफ्तार किया था.

ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को जानबूझकर आप नेताओं को लाभ पहुचाने और कार्टेल गठन को बढ़ावा देने के लिए आप नेताओ को छूट, लाइसेंस शुल्क माफी के बदले शराब कारोबारियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. रिश्वत का पैसा को गोवा चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.

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– भारत एक्‍सप्रेस



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