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दिल्ली हाईकोर्ट ने निशानेबाज माणिनी कौशिक की याचिका पर एनआरएआई से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता माणिनी के वकील ने कहा कि यह एक ‘दुर्भाग्यपूर्ण मामला’ है जहां एक खिलाड़ी को चयन के लिए नहीं बुलाया गया है, जबकि खेल में उसके योगदान को प्रधानमंत्री ने 2022 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद एक पत्र में स्वीकार किया था.

माणिनी कौशिक

दिल्ली हाईकोर्ट ने निशानेबाज माणिनी कौशिक की उस याचिका पर केंद्र सरकार एवं भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) से रूख पूछा है जिसमें उन्हें आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए ट्रायल में भाग लेने की अनुमति देने की मांग की है.

निशानेबाज ने पात्रता मानदंडों पर उठाया था सवाल 

न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने अधिकारियों से 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन निशानेबाज माणिनी को 18 अप्रैल से होने वाले ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अनुमति देने को लेकर अगले सप्ताह तक निर्देश मांगने को कहा है. इस निशानेबाज ने पात्रता मानदंडों पर सवाल उठाया था.

अदालत ने कहा, ‘इस बीच उत्तरदाताओं के अधिकारों और तर्कों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना याचिकाकर्ता को (ट्रायल में) भाग लेने की अनुमति देने के संबंध में निर्देश दिए जाएं.’

याचिकाकर्ता माणिनी के वकील ने कहा कि यह एक ‘दुर्भाग्यपूर्ण मामला’ है जहां एक खिलाड़ी को चयन के लिए नहीं बुलाया गया है, जबकि खेल में उसके योगदान को प्रधानमंत्री ने 2022 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद एक पत्र में स्वीकार किया था.

अदालत ने मामले को 22 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

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