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Delhi Liquor Case: ‘केजरीवाल तय नहीं करेंगे जांच कैसे हो…’ पढ़ें हाईकोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज हाई कोर्ट का फैसला आया है उसका हम सम्मान करते हैं. हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं और इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

Delhi Liquor Policy Case CM Arvind

अरविंद केजरीवाल.

Delhi High Court Decision: शराब घोटाला मामले में जेल से बंद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ईडी ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं. बता दें कि केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज हाई कोर्ट का फैसला आया है उसका हम सम्मान करते हैं और सम्मानपूर्वक कहते हैं कि हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं और इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां अपनी बात रखेंगे. ऐसे में आइये जानते हैं हाईकोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें-

1. फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि शराब घोटाला मामले में राघव मुंगटा और शरथ रेड्डी के बयान पीएमएलए के तहत रिकाॅर्ड किए गए हैं.

2.ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ सबूत जुटाए जिसमें ये साबित होता है कि वे इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता है.

3. जस्टिस स्वर्णकांता ने कहा कि पीएमएलए का कानून 100 साल पुराना है ना किए एक साल पुराना कि याचिकाकर्ता को फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ है.

4. यह हम नहीं देखेंगे कि किसने किसको पैसा दिया और चुनाव लड़वाया.

5. केजरीवाल तय नहीं करेंगे कि जांच किस तरह से की जाए. आरोपी की सुविधा के अनुसार जांच नहीं की जा सकती है.

6. कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच कानून के हिसाब से हो न कि टाइमिंग के आधार पर.

7. केजरीवाल चुनाव की तारीखों से वाकिफ थे. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि इलेक्शन के समय ही ईडी ने गिरफ्तारी की है.

8. कोर्ट ने कहा कि जज कानूनी सिद्धांतों से बंधे होते हैं ना कि राजनीति से. कोर्ट राजनीति की दुनिया में दखल नहीं दे सकती.

9. सरकारी गवाहों के बयान किस तरह रिकाॅर्ड किए गए इस पर सवाल उठाना कोर्ट और जज पर कलंक लगाने जैसा है.

10. किसी भी व्यक्ति को विशेष सुविधा नहीं दी जा सकती, भले ही वह सीएम क्यों न हो.

बता दें कि शराब नीति मामले में ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने सीएम को 22 मार्च को कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया. इसके बाद कोर्ट ने सीएम की रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ा दी. 1 अप्रैल को रिमांड पूरी होने के बाद ईडी ने एक बार फिर केजरीवाल को कोर्ट के समक्ष पेश किया जहां उन्हें 15 अप्रैल तक की हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया.



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