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दिल्ली पुलिस में बड़ा घोटाला: सब-इंस्पेक्टर नरेश कुमार बर्खास्त, ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड होने का आरोप

Delhi News: दिल्ली पुलिस के अनुभवी सब-इंस्पेक्टर नरेश कुमार को ड्रग्स सिंडिकेट संचालित करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जिससे पुलिस विभाग की साख पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं.

Delhi Police

दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस के इतिहास में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 34 साल के अनुभवी सब-इंस्पेक्टर नरेश कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि वह दिल्ली में एक बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का संचालन कर रहे थे। यह मामला जनवरी 2024 में सामने आया था, लेकिन नरेश कुमार पिछले एक साल से गिरफ्तारी से बचने में सफल रहा। आखिरकार, 20 मार्च 2025 को दिल्ली पुलिस ने उन्हें आधिकारिक रूप से बर्खास्त कर दिया।

नरेश कुमार ने 1990 में दिल्ली पुलिस जॉइन की थी और अपनी सेवा के दौरान करीब एक दशक तक क्राइम ब्रांच में तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने अपराध जगत की गहरी समझ विकसित की, जिसका इस्तेमाल उन्होंने खुद को बचाने और ड्रग्स के काले कारोबार को आगे बढ़ाने में किया। जब पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली और छापेमारी की गई, तो एक बड़े ड्रग्स गोदाम का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि खुद नरेश कुमार था।

एक साल से फरार, फिर भी पुलिस से एक कदम आगे

जनवरी 2024 में जब यह मामला सामने आया, तो पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन नरेश कुमार गिरफ्तारी से बच निकले। एक साल तक वह पुलिस और कानून से आंख-मिचौली खेलते रहे, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या उन्हें किसी अंदरूनी व्यक्ति से मदद मिल रही थी? उनकी गिरफ्तारी में हो रही देरी से यह भी साफ होता है कि ड्रग्स तस्करी का यह नेटवर्क कितना मजबूत और प्रभावशाली था।

नार्को-टेररिज्म और कानून व्यवस्था पर सवाल

यह मामला सिर्फ एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी का नहीं है, बल्कि भारत में बढ़ती ड्रग्स तस्करी और नार्को-टेररिज्म के खतरों को भी उजागर करता है। अगर पुलिस बल का एक वरिष्ठ अधिकारी इस तरह के अपराध में शामिल हो सकता है, तो क्या यह संकेत नहीं देता कि ड्रग्स माफिया ने कानून व्यवस्था में सेंध लगा दी है? नशे का यह अवैध कारोबार सिर्फ युवाओं को बर्बाद नहीं कर रहा, बल्कि इसके पीछे आतंकी संगठनों की फंडिंग से जुड़े बड़े खतरे भी हैं।

दिल्ली पुलिस की साख पर सवाल, कड़ी कार्रवाई का वादा

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। क्या विभाग के अन्य अधिकारी भी इस सिंडिकेट से जुड़े हो सकते हैं? क्या अब तक की कार्रवाई पर्याप्त है? पुलिस विभाग ने दावा किया है कि नरेश कुमार के साथ जुड़े अन्य संदिग्धों की भी जांच की जा रही है और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस महकमे के अंदर भ्रष्टाचार की यह जड़ें सिर्फ नरेश कुमार तक सीमित हैं या इस खेल में बड़े अधिकारी भी शामिल हैं? क्या इस मामले की जांच किसी बाहरी एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए? जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो जनता किस पर भरोसा करे?

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-भारत एक्सप्रेस 



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