
भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि दोनों देश अब युद्ध के मुहाने पर खड़े नजर आ रहे हैं. बीते दो दिनों से सीमा पर हमले और जवाबी हमले हो रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. रक्षा मंत्रालय ने एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब रेगुलर आर्मी को जरूरत पड़ने पर टेरिटोरियल आर्मी की मदद मिल सकेगी. इस फैसले के बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं, जो खुद टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या धोनी भी जंग के मैदान में दिखाई देंगे?
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अब आर्मी चीफ को अधिकार है कि वे टेरिटोरियल आर्मी को जरूरत के हिसाब से किसी भी सैन्य अभियान में तैनात कर सकें. टेरिटोरियल आर्मी आमतौर पर बैकअप फोर्स के तौर पर काम करती है, लेकिन इमरजेंसी या युद्ध जैसी स्थिति में इसे भी बुलाया जा सकता है.
टेरिटोरियल आर्मी में अफसर हैं धोनी
एमएस धोनी 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे. 2019 में उन्होंने कश्मीर में सेना के साथ ड्यूटी भी की थी और बाकायदा ट्रेनिंग भी ली थी. अब जब टेरिटोरियल आर्मी को जरूरत पड़ने पर किसी मिशन में भेजा जा सकता है, तो अगर हालात बिगड़ते हैं, तो हो सकता है कि धोनी को भी ड्यूटी पर बुलाया जाए.
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी एक ऐसी फोर्स है जिसमें लोग अपनी मर्जी से जुड़ते हैं. ये लोग आम तौर पर अपनी नौकरी या काम करते रहते हैं, लेकिन जब देश को जरूरत होती है जैसे युद्ध, आपदा या अंदरूनी खतरे के समय — तो इन्हें आर्मी की मदद के लिए बुलाया जाता है. ये समय-समय पर ट्रेनिंग भी लेते रहते हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर देश की सेवा कर सकें.
एमएस धोनी ने पहले ही इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है. वे अभी तक आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान थे, लेकिन हाल ही में देश की सुरक्षा स्थिति के कारण आईपीएल को रोक दिया गया है. ऐसे में अब धोनी पूरी तरह फ्री हैं और हो सकता है कि वे फिर से सेना की वर्दी में नजर आएं.
-भारत एक्सप्रेस
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