निर्माणाधीन श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या
-सुभाष सिंह
Ayodhya: अयोध्या में जहां एक ओर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. वहीं दूसरी ओर भक्तों की सुविधा के लिए श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. जानकारी सामने आ रही है कि जनवरी में मंदिर के उद्घाटन से पहले ही एयरपोर्ट का कार्य पूरा हो जाएगा ओर उड़ाने शुरू हो जाएंगी. ये भी बताया जा रहा है कि कार्य सितम्बर तक पूरा होने की सम्भावना है. वहीं नवम्बर से यात्रियों के यहां से उड़ान भरने की भी सम्भावना जताई जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट पर पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद घरेलू उड़ाने शुरू हो जाएंगी और दूसरी तरफ दूसरे और तीसरे चरण का कार्य चलता रहेगा. जब ये कार्य पूरे हो जाएंगे, इसके बाद इंटरनेशनल उड़ाने शुरू होंगी. बताया जा रहा है कि पहले चरण का काम पूरा होने वाला है. रनवे का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो गया है. वहीं टर्मिनल का कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसी वजह से ये कहा जा रहा है कि सितम्बर माह तक पहले फेज का कार्य पूरा हो जाएगा और नवम्बर माह से उड़ाने शुरू हो जाएंगी.
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पहले रखा गया है घरेलू फ्लाइट का लक्ष्य
एयरपोर्ट निर्माण कार्य से जुड़ी जानकारी देते हुए अयोध्या एयरपोर्ट के कार्यवाहक डायरेक्टर वीएस कुशवाहा ने कहा कि ये एयरपोर्ट पहली प्राथमिकता है. निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है क्योंकि घरेलू उड़ानों के लिए नवम्बर से फ्लाइट शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने आगे बताया कि एयरपोर्ट पर रनवे से लेकर पॉवर ट्रांसमिशन का काम तेजी से पूरा करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले चरण का काम पूरा होने के बाद घरेलू उड़ाने शुरू हो जाएगी और दूसरे, तीसरे चरण का काम आगे चलता रहेगा. जब ये कार्य पूरा हो जाएगा. इसके बाद ही इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होंगी. इसी के साथ उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट को इस तरह से सुसज्जित किया जाएगा कि फ्लाइट से उतरते ही लोगों को भगवान राम की नगरी में होने का अहसास होगा और उनके जीवन के जुड़ी सभी जानकारियां भी यात्रियों को मिल सकेंगी.
एयरपोर्ट पर दिखेगी भगवान राम के जीवन की झांकी
बता दें कि हवाई अड्डे को 350 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि, इस हवाईअड्डे के पहले चरण का निर्माण कार्य सितम्बर 2023 तक पूर्ण हो जाएगा. 6250 वर्ग मीटर में फैले हवाईअड्डे के अंतरिम टर्मिनल भवन में भव्य राम मंदिर का चित्रण किया जाएगा जो यात्रियों को आध्यात्मिकता की अनुभूति कराएगा. जानकारी सामने आ रही है.
एयरपोर्ट पर ये होंगी सुविधाएं
बता दें कि नया हवाई अड्डा ए-320/बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त होगा और इसे 350 करोड़ रुपये (लगभग) की लागत से विकसित किया जा रहा है. विकास कार्य में IFR स्थिति के तहत कोड-सी प्रकार के विमानों के संचालन के लिए मौजूदा रनवे को 1500 मीटर X 30 मीटर से 2200 मीटर x 45 मीटर तक विस्तारित करना है. इसमें एक अंतरिम टर्मिनल बिल्डिंग, एक एटीसी टॉवर, एक फायर स्टेशन, कार पार्किंग, नया एप्रन शामिल है. 6250 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली नई अंतरिम टर्मिनल बिल्डिंग पीक आवर्स के दौरान 300 यात्रियों को प्रबंधित करने के लिए भी सुसज्जित की जा रही है. यात्रियों की सुविधाओं के लिए 8 चेक-इन-काउंटर, 3 कन्वेयर बेल्ट (प्रस्थान में 1 और आगमन हॉल में 2), कार पार्किंग शामिल हैं. इसी के साथ यहां पचहत्तर कारों और दो बस पार्किंग के लिए भी सुविधा होगी.
इस तरह किया जा रहा है डिजाइन
टर्मिनल को संस्कृति और विरासत को एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है. टर्मिनल भवन का अग्रभाग (शहर की ओर एयरसाइड दोनों ओर) अयोध्या के आगामी राम मंदिर की मंदिर वास्तुकला को दर्शाएगा. प्रस्तावित टर्मिनल भवन भव्य राम मंदिर को चित्रित करेगा, जो आगंतुकों को आध्यात्मिकता की भावना से जोड़ेगा. टर्मिनल के वास्तुशिल्प तत्वों को संरचना में भव्यता की भावना व्यक्त करने के लिए अलग-अलग ऊंचाई के शिखरों से सजाने का प्रस्ताव है. इसी के साथ सजावटी स्तंभ यात्रियों और आगंतुकों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा क्योंकि नई टर्मिनल बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सों को भगवान श्री राम के जीवन चक्र को दर्शाने वाली स्थानीय कला, पेंटिंग और भित्ति चित्रों से सजाया जा रहा है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बता दें कि जल्द ही अयोध्या को विश्व से जोड़ने वाला हवाई अड्डा मिलने के बाद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. देश-विदेश के लोगों की सुविधा को देखते हुए ही हवाई अड्डे की टर्मिनल बिल्डिंग डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा बचत के लिए कैनोपी का प्रावधान, एलईडी लाइटिंग, कम गर्मी बढ़ाने वाली डबल ग्लेज़िंग यूनिट, भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, भूनिर्माण जैसी विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से लैस की जा रही है. साथ ही फव्वारे, एचवीएसी, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण के लिए पुनर्नवीनीकरण पानी के उपयोग के साथ, GRIHA -V रेटिंग को पूरा करने के लिए 250 KWP की क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस