
बैठक के दौरान अपनी बात रखते डॉ. मनसुख मांडविया.
2028 Los Angeles Olympics में भारत के शानदार प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मंगलवार को एक गोलमेज बैठक के दौरान राष्ट्रीय खेल संघों (NSFs) से अच्छे प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने का आह्वान किया. इस बैठक का उद्देश्य खेलों के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना था, जिसमें योजना, प्रशासन और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया.
डॉ. मांडविया ने NSF के कामकाज में “अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही” सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और यह भी कहा कि मुकदमों को न्यूनतम स्तर पर लाया जाना चाहिए ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि खेल विकास के लिए 360-डिग्री दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है.
उन्होंने कहा, हमारी सरकार का रुख स्पष्ट है कि सभी संघों को अपने कामकाज में अच्छे प्रशासन को अपनाना होगा. चुनाव पारदर्शी होने चाहिए. हारने वाले लोग अक्सर अदालतों का रुख करते हैं, जबकि कुछ लोग अपने पदों से चिपके रहते हैं. यह सब हमारे खिलाड़ियों के लिए समस्याएं पैदा करता है.
“अगर हम 2036 Olympics की मेजबानी करना चाहते हैं और एलए 2028 में अपनी पदक तालिका में सुधार करना चाहते हैं, तो सभी हितधारकों को अपने संसाधनों और प्रयासों को मिलाना होगा. हमें देश को पहले रखना होगा. खिलाड़ी किसी संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.”
खेल प्रतिभा और संरचना पर जोर
बैठक में उपस्थित सभी मान्यता प्राप्त NSF के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने अपने प्रशासन में पारदर्शिता सुधारने और खिलाड़ियों के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की.
डॉ. मांडविया ने कहा कि देश में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जरूरत केवल उन्हें पहचानने और हर स्तर पर सही प्लेटफॉर्म, उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करने की है. “खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं,”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भौगोलिक विविधता हर प्रकार के खेलों को बढ़ावा देने में सक्षम है. “हमारे पास 7000 किलोमीटर से अधिक का समुद्र तट है, जहां से हम बेहतरीन तैराक तैयार कर सकते हैं. हमारे आदिवासी इलाकों में बच्चे तीरंदाजी जैसे खेलों में स्वाभाविक रूप से प्रतिभाशाली हैं. हमें इन प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनानी होगी.”
निजी क्षेत्र की भागीदारी और कोचिंग पर जोर
खेल मंत्री ने कॉर्पोरेट क्षेत्र से कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम से खेलों में योगदान देने का आह्वान किया. उन्होंने एनएसएफ से एकेडमी कल्चर को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, जिसमें प्रतिभा विकास और कोचिंग पर ध्यान दिया जाएगा.
उन्होंने भारतीय कोचों की गुणवत्ता में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव का सुझाव दिया और इस दिशा में एक विस्तृत योजना पर काम चल रहा है. इसके अलावा, केंद्रीय सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में खेल कोटे के तहत भर्ती सरकारी अधिकारियों की खेल गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना बनाई जा रही है.
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-भारत एक्सप्रेस
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