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DRDO ने Pinaka Weapon System का सफलतापूर्वक परीक्षण किया पूरा, देश के दुश्मनों के छुड़ा देगा छक्के

सेना ने पहली बार 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पिनाका मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) द्वारा मचाई गई तबाही देखी थी, जब इसने पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों पर दागे जाने पर भयानक तबाही मचाई थी.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गुरुवार (14 नवंबर) को घोषणा की कि भारतीय सेना (Indian Army) की सबसे विनाशकारी अग्नि सहायता प्रणालियों में से एक स्वदेशी गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली (Pinaka Weapon System) ने सफलतापूर्वक अपने उड़ान परीक्षण पूरे कर लिए हैं. यह ऐसी हथियार प्रणाली है, जो घर बैठे सीमा पर दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने की क्षमता रखती है.

सेना ने पहली बार 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान पिनाका मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) द्वारा मचाई गई तबाही देखी थी, जब इस प्रणाली ने, जो अभी भी विकास के क्रम में थी, पाकिस्तानी घुसपैठियों (Pakistani Infiltrators) के ठिकानों पर दागे जाने पर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी.

स्वदेशी MBRL बनाने का फैसला

इससे प्रभावित होकर भारतीय सेना ने सोवियत युग के अपने MBRLs – प्रतिष्ठित GRAD BM-21 – को स्वदेशी MBRL से बदलने का फैसला किया. इसका नतीजा है पिनाका (Pinaka).

एक पिनाका MBRL यूनिट में 18 लॉन्चर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 12 लॉन्चर ट्यूब से दुश्मन पर फायर करता है. तेजी से फायरिंग करते हुए ये 216 लॉन्चर ट्यूब 60 किलोमीटर दूर एक लक्ष्य पर सिर्फ 44 सेकंड में सात टन उच्च विस्फोटक बरसा सकते हैं, जिससे दुश्मन सैनिकों को बिना समय दिए निपटाया जा सकता है.

शिव के धनुष पर पड़ा नाम

भगवान शिव के प्रसिद्ध धनुष के नाम पर रखा गया पिनाका MBRL हथियारों को लॉन्च करने में सिर्फ 3 मिनट का समय लेता है. पिनाका परियोजना को पुणे में दो DRDO प्रयोगशालाओं – आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDI) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL) द्वारा दो निजी क्षेत्र की फर्मों – लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल) – के साथ साझेदारी में सफलतापूर्वक संचालित किया गया है.

मजबूत 8×8 टाट्रा वाहन पर निर्मित शुरुआती पिनाका मार्क I की रेंज केवल 37.5 किमी थी और सटीकता लगभग 500 मीटर तक सीमित थी. 2016 में सेना द्वारा बेहतर प्रदर्शन की मांग के बाद ARDE ने ‘Enhanced Pinaka’ परियोजना के तहत प्रत्येक व्यक्तिगत रॉकेट में एक मार्गदर्शन किट जोड़ा.

उन्नत पिनाका की प्रदर्शन सीमा 75 किलोमीटर है और यह अपने लक्ष्य से 10 मीटर के भीतर हमला करने की क्षमता रखता है. इससे पिनाका बैटरी सीमा पार सैनिक भेजे बिना ही आतंकवादी शिविर, दुश्मन की चौकी, रसद डंप या मुख्यालय को नष्ट कर सकती है.

-भारत एक्सप्रेस



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