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EC ने बाॅन्ड का डेटा वेबसाइट पर किया अपलोड, फ्यूचर गेमिंग ने दिया सबसे अधिक 1368 करोड़ का डोनेशन

EC uploaded bond data on website: चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली इलेक्टोरल बाॅन्ड की सूची को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. सूची के अनुसार पोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, सन फार्मा जैसी कंपनियों ने पार्टियों को डोनेशन दिया.

EC uploaded bond data on website

चुनाव आयोग ने वेबसाइड पर अपलोड किया बाॅन्ड का डेटा.

EC uploaded bond data on website: चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बाॅन्ड मामले में एसबीआई से मिले डेटा को गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. वेबसाइट पर 763 पन्नों की दो सूची डाली गई है. पहली सूची में बाॅन्ड खरीदने वालों की सूची है तो वहीं दूसरी में पार्टियों को मिले बाॅन्ड की डिटेल है. यह जानकारी 3 मूल्यवर्ग के बाॅन्ड की खरीद से संबंधित है. ये बाॅन्ड 1 लाख रुपये, 10 लाख रूपये और 1 करोड़ के हैं. हालांकि इसमें यह पता नहीं लग पा रहा है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना डोनेशन दिया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को बाॅन्ड की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी. मामले में एसबीआई द्वारा अतिरिक्त समय मांगे जाने पर कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाते हुए 15 मार्च तक डेटा आयोग को सौंपने का आदेश दिया था. डेटा के मुताबिक इलेक्टोरल बाॅन्ड के जरिए भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस, बीआरएस, एआईडीएमके, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस को डोनेशन मिला है. वहीं बाॅन्ड खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सन फार्मा, सीरम इंस्टीट्यूट और वेलस्पन शामिल है.

इन दो कंपनियों ने दिया सबसे अधिक चंदा

राजनीतिक पार्टियों को 1368 करोड़ का सबसे अधिक डोनेशन फ्यूचर गेमिंग एंड हाॅस्टल सर्विसेज की ओर से दिया गया था. इसके बाद 980 करोड़ का डोनेशन मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से दिया गया था. 4 मार्च को एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी के लिए 30 जून का वक्त मांगा था. बैंक ने कहा कि किस कंपनी से किस पार्टी को कितना चंदा दिया है इसका मिलान करने में समय लगेगा. इसलिए बैंक ने कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगा था.

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जानें क्या है इलेक्टोरल बाॅन्ड स्कीम

इलेक्टोरल बाॅन्ड स्कीम तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 के बजट में पेश की थी. इसके बाद 2 जनवरी 2018 को केंद्र ने इसे नोटिफाई किया. इलेक्टोरल बाॅन्ड एक प्रकार का प्राॅमिसरी नोट होता है. जिसे बैंक नोट भी कहा जाता हैं. जिसे एसबीआई से कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है. सरकार ने दावा किया था कि इस योजना के लागू होने से चुनावी व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और काले धन पर भी अंकुश लगेगा.

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