Land For Job Scam ( लालू और तेजस्वी एक साथ)
Land For Job Scam: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी बिजनेसमैन अमित कात्याल (Amit Katyal) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया गया है कि लालू और तेजस्वी के बेहद करीबी कात्याल को पहले समन भेजा गया था, लेकिन कात्याल की ओर से कोई जवाब नहीं आया. कात्याल करीब 2 महीने से जांच एजेंसी को घुमाने की कोशिश कर रहा था. अब ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अमित को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने बिजनेसमैन कात्याल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. CBI ने जुलाई में जमीन के बदले नौकरी के मामले में एक आरोपी के रूप में AK इन्फो सिस्टम का नाम शामिल किया था. नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार अमित कात्याल और उसकी कंपनी ईडी के साथ सीबीआई की जांच के दायरे में भी हैं. सीबीआई ने घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया है. वहीं ईडी की ओर से 600 करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया गया है.
AK इन्फो सिस्टम के प्रमोटर हैं कात्याल
अमित कत्याल AK इन्फो सिस्टम के प्रमोटर है. ED ने अमित कात्याल को ड्यूटी MM न्याय बिंदु की अदालत में पेश किया. AK इन्फो सिस्टम कंपनी का ऑफिस तेजस्वी यादव के दिल्ली में NFC वाले घर से चलता है. ED ने कहा कि CBI केस में दो चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. मामले में जांच जारी है, मामले में 7 ज़मीन ट्रांसफर की गई, यह 7 ज़मीने अपराध की आय हैं. CBI ने AK इन्फो सिस्टम को आरोपी बनाया है. ED ने कहा कि लालू यादव और उनके परिवार को 7 ज़मीन मिली, ज़मीन के बदले नौकरी दी गई. ED ने कहा कि AK इंफो सिस्टम को मिली ज़मीन को लालू यादव के परिवार को ट्रांसफर कर दी गई, बाद में कंपनी को शेयर ट्रांसफर के ज़रिए टेक ओवर कर लिया गया.
ED ने मांगी 14 दिन की हिरासत
ED ने अमित कात्याल की 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की. अदालत में ईडी ने कहा कि मामले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं. ED ने कहा कि अमित कात्याल को मामले में दूसरे लोगों से कंफ्रंट करवाया गया है. ईडी ने कहा कि कात्याल ने लालू परिवार की मनी लॉन्ड्रिंग में मदद की. ED ने कहा कि समन जारी करने के बाद भी कात्याल जांच में शामिल नहीं हुआ था. ED ने कहा अमित कात्याल ने समन से बचने के लिए उसको हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसको अदालत ने खारिज कर दिया था. ED ने कहा कि 11 बार समन जारी किया था, 5 बार जांच में शामिल नहीं हुआ. अमित के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट ने 3 नवंबर को मुझको गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी की कोई संभावना नहीं है. अमित के वकील ने कहा कि ECIR में नाम नहीं है, जब भी समन जारी किया गया अमित जांच में शामिल हुए. अमित के वकील ने कहा कि एयरपोर्ट पर भी ग्राउंड ऑफ अरेस्ट नहीं दिया गया. ED मुख्यालय ले जाया गया और फिर वहां देर रात में गिरफ्तार किया गया. अमित के वकील ने कहा कि कोर्ट को देखना होगा कि एयरपोर्ट से ED मुख्यालय जाने के दौरान ऐसा क्या हुआ कि अमित को गिरफ्तार कर लिया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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