Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने श्रीनगर से बोगस क्रिप्टोकरेंसी घोटाले “इमोलिएंट कॉइन” के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने इस घोटाले से जुड़े जम्मू, दिल्ली और सोनीपत (Haryana) स्थित 3.66 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है.
“इमोलिएंट कॉइन” नामक यह फर्जी क्रिप्टोकरेंसी घोटाला M/s The Emollient Coin Limited, UK कंपनी के तहत संचालित किया जा रहा था. इस कंपनी ने भारत में भी अपनी गतिविधियां फैला रखी थीं, जहां इसे नरेश गुलिया (इंडिया और विदेश में प्रमोटर) द्वारा प्रचारित और संचालित किया गया. कंपनी ने लोगों को झूठे दावे कर निवेश के लिए प्रेरित किया और उनसे भारी रकम वसूली.
कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से बढ़ते रिटर्न का झांसा दिया. शुरुआती लाभ के नाम पर कुछ निवेशकों को भुगतान किया गया, जिससे अन्य लोगों को इसमें शामिल होने का लालच मिला. धीरे-धीरे, यह एक बड़े वित्तीय घोटाले में बदल गया, जहां लोगों की मेहनत की कमाई को फर्जी वादों के जरिए लूटा गया.
ईडी की कार्रवाई
ED ने कंपनी और इससे जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों की गहन जांच के बाद कार्रवाई की. जांच में पता चला कि भारत और विदेशों में इस घोटाले को संगठित रूप से अंजाम दिया गया. ईडी ने जम्मू, दिल्ली और सोनीपत में स्थित अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 3.66 करोड़ रुपये है.
ईडी ने इस मामले में और गहराई से जांच शुरू कर दी है. एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले से और कौन-कौन से लोग जुड़े हुए हैं और कितने निवेशकों को इसका शिकार बनाया गया है.
यह मामला एक चेतावनी है कि निवेश करने से पहले किसी भी योजना की पूरी जानकारी लें और केवल विश्वसनीय स्रोतों पर ही भरोसा करें. ऐसे घोटालों में शामिल व्यक्तियों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी इस कार्रवाई से यह संदेश दिया है कि देश में वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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