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झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले ED की छापेमारी से मचा हड़कंप, IAS अधिकारियों पर कार्रवाई

झारखंड में सीनियर आईएएस विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह कुछ अन्य अधिकारियों और झारखंड और छत्तीसगढ़ में कई कारोबारियों से जुड़े ठिकानों पर ईडी छापेमारी कर रही है.

ED

झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले ईडी की कार्रवाई से झारखंड में हड़कंप मचा हुआ है. छतीसगढ़ से जुड़े शराब घोटाला मामले में ईडी झारखंड में छापेमारी कर रही है. यह छापेमारी आईएएस स्तर के अधिकारियों के यहां चल रही है. झारखंड में सीनियर आईएएस विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह कुछ अन्य अधिकारियों और झारखंड और छत्तीसगढ़ में कई कारोबारियों से जुड़े ठिकानों पर ईडी छापेमारी कर रही है.

विनय चौबे राज्य में 2022 कई आबकारी नीति के कार्यान्वयन के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव थे. ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय चल रही है, जब झारखंड में विधानसभा का चुनाव के लिए 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होना है. छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए 2050 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था.

इस मामले में छत्तीसगढ़ के कुछ अधिकारियों के साथ-साथ झारखंड के आईएएस और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपी बनाया गया है. रांची के विकास कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया था. जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई है. आवेदन में बताया गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गई और आबकारी नीति में फेरबदल किया गया. इससे पहले भी शराब घोटाला मामले में ईडी कार्रवाई कर चुकी है.

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पिछले साल 23 अगस्त को ईडी ने रांची, देवघर, दुमका, कोलकता के 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दायरे में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, उनके बेटे रोहित उरांव, शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनसे जुड़े 32 के यहां छापेमारी हुई थी. शराब कारोबारी को इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है, उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुका है.

-भारत एक्सप्रेस



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