लोकसभा में भाजपा के विजय सोनकर ने सांसद महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की. तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश किए जाने के तुरंत बाद सदन में हंगामे के बीच लोकसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
कैश फॉर क्वेरी’ मामले में एथिक्स रिपोर्ट के पेश होने से पहले इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, “हम देखेंगे, जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है, इन्होंने वस्त्रहरण शरू किया है तो अब महाभारत का रण देखिए.”
संसद में इस तरह की नजीर न हो पेश
वहीं आज महुआ मोइत्रा पर एथिक्स पैनल की रिपोर्ट पेश करने से पहले इसे लेकर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “सदन में इस तरीके की नजीर न पेश की जाए. आज की सरकार बदला लेने की राजनीति करती है. प्रधानमंत्री बातें तो अच्छी करते हैं लेकिन उनकी कथनी और करनी में इतना अंतर क्यों है? अगर न्यायालय भी किसी को फांसी की सज़ा सुनाता है तो उसे बोलने का अवसर दिया जाता है.”
महुआ पर लगे हैं ये आरोप
महुआ मोइत्रा को लकेर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी. मोइत्रा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि बिजनेस मैन दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर उपहार के बदले महुआ ने अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए लोकसभा में सवाल पूछा था.
वहीं मामले में एथिक्स रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “रिपोर्ट पेश होना पब्लिक डोमेन में है, आगे की कार्रवाई स्पीकर तय करेंगे. नियम स्पष्ट है.”
हम रिपोर्ट पर चर्चा की मांग कर रहे हैं
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश किए जाने पर बीएसपी सांसद दानिश अली का कहना है, ”हम रिपोर्ट पर चर्चा की मांग कर रहे हैं क्योंकि एथिक्स कमेटी में भी चर्चा अधूरी थी. जो बनाया गया था, वह पूरा नहीं था। उनसे जिस तरह के सवाल पूछे गए, वे ऐसे थे कि समिति के पांच सदस्य बाहर चले गए। उस वाकआउट के बाद, गोद लेने की रिपोर्ट सामने रखी गई और 2.30 मिनट के भीतर इसे पारित कर दिया गया। बहुमत होने के बाद भी यह स्वीकार नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि आप वही करेंगे जो आप चाहेंगे.”