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पेजर की तरह EVM भी हो सकता है हैक, इस सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा, यहां जानें

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) Rajiv Kumar ने कांग्रेस नेता Rashid Alvi के उस दावे को खारिज कर दिया कि EVM में भी छेड़छाड़ की जा सकती है, ठीक वैसे ही जैसे Israel ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के पेजर हैक किए थे.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार. (फोटो: IANS)

चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की बैटरी (Battery) कैलकुलेटर की तरह होती है और उन दावों को खारिज कर दिया कि इनके साथ पेजर (Pagers) की तरह छेड़छाड़ की जा सकती है. चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण कांग्रेस (Congress) के उन आरोपों के बाद आया है कि हरियाणा (Haryana Assembly Election) में विभिन्न मतदान केंद्रों पर ईवीएम की बैटरी (EVM Battery) के अलग-अलग चार्ज लेवल के कारण चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं.

महाराष्ट्र (Maharashtra) और झारखंड (Jharkhand) चुनावों के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने EVM के इस्तेमाल का बचाव करते हुए कहा कि वे ‘बिल्कुल सुरक्षित और मजबूत हैं.’

चुनाव आयुक्त ने क्या कहा

उन्होंने पिछले 15-20 चुनावों के अलग-अलग नतीजों की ओर भी इशारा किया और इस बात पर जोर दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि EVM में कोई खराबी है, बल्कि यह मतदाताओं की पसंद को दर्शाता है. राजीव कुमार ने कहा, ‘EVM में कैलकुलेटर की बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है, मोबाइल की तरह नहीं जिसे हर रोज चार्ज किया जाता है. एक बैटरी का उपयोग लगभग पांच साल तक किया जा सकता है.’

उन्होंने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि EVM में भी छेड़छाड़ की जा सकती है, ठीक वैसे ही जैसे इजरायल (Israel) ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह (Hezbollah) के पेजर हैक किए थे. उन्होंने कहा, ‘लोग यह भी पूछते हैं कि अगर पेजर को हैक किया जा सकता है तो ईवीएम को क्यों नहीं हैक किया जा सकता? इसका जवाब है, पेजर कनेक्टेड हैं, लेकिन ईवीएम नहीं.’

तीन-स्तरीय सुरक्षा

सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि EVM में बैटरियों सहित तीन-स्तरीय सुरक्षा होती है. उन्होंने कहा, ‘EVM की पहली-स्तरीय जांच मतदान से 5-6 महीने पहले शुरू होती है. मतदान से 5-6 दिन पहले EVM चालू की जाती है. उस दिन एक नई बैटरी डाली जाती है.’

उन्होंने कहा कि मशीन को सील करने के बाद राजनीतिक दलों के एजेंट EVM और बैटरी पर हस्ताक्षर करते हैं. उन्होंने कहा, ‘इसके बाद ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाया जाता है और एजेंटों के सामने डबल-लॉक किया जाता है. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है.’

कांग्रेस का आरोप

मालूम हो कि बीते 8 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद जिसमें भाजपा (BJP) सत्ता में लौटी, तब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके उम्मीदवार उन सीटों पर हार गए जहां EVM की बैटरी 99% चार्ज थी, जबकि 60-70% चार्ज वाली सीटों पर पार्टी की जीत दिख रही थी. चुनाव आयोग को दी गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने 20 निर्वाचन क्षेत्रों की सूची सौंपी, जहां ऐसा रुझान दिखा था.

चुनाव आयोग के अनुसार, EVM की कंट्रोल यूनिट (Control Unit) में 7.5 वोल्ट या 8 वोल्ट का पावर पैक होता है. EVM क्षारीय बैटरी पर चलती हैं, इसलिए उनका इस्तेमाल उन इलाकों में किया जा सकता है, जहां बिजली नहीं है. कांग्रेस के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव कुमार ने कहा कि EVM की डिस्प्ले यूनिट (Display Unit) तब तक ‘99%’ चार्ज दिखाती है, जब तक बैटरी की विद्युत क्षमता 7.4 वोल्ट और 8 वोल्ट के बीच होती है.

शिकायतों का देंगे जवाब

उनके अनुसार, एक बार जब बैटरी लेवल 7.4 वोल्ट से नीचे चला जाता है, तो चार्ज का वास्तविक प्रतिशत डिस्प्ले होता है. बैटरी के 5.8 वोल्ट पर पहुंचने पर डिस्प्ले यूनिट बैटरी बदलने का संकेत दिखाती है. उन्होंने कहा कि बैटरी उपयोग के आधार पर चलती है, जैसे मॉक पोल के दौरान कितने वोट डाले गए, कितनी बार वोटों को जोड़ा गया गया और पोल के दौरान डाले गए वोटों की संख्या.

राजीव कुमार ने कहा, ‘हमें ईवीएम के बारे में करीब 20 शिकायतें मिली हैं, हम उनके बारे में व्यक्तिगत रूप से तथ्य दर तथ्य बातचीत करेंगे. हम हर उम्मीदवार को अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएंगे, क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है और हम इसे जल्द ही बताएंगे. हम अपनी प्रतिक्रियाएं सभी के लिए प्रकाशित भी करेंगे.’

हरियाणा में कांग्रेस भाजपा सरकार के 10 साल के सत्ता विरोधी रुझान का फायदा नहीं उठा सकी। हरियाणा विधानसभा में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतने में सफल रही. निर्दलीयों ने 3 सीटें जीतीं और इंडियन नेशनल लोकदल (इनलो) ने 2 सीटें हासिल कीं.

-भारत एक्सप्रेस

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