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विदेश मंत्री जयशंकर ने हिंद महासागर के देशों की भलाई के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया

Dhaka: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हिंद महासागर के सभी देशों की भलाई और प्रगति के लिए भारत प्रतिबद्ध है.”

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एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

Dhaka: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को हिंद महासागर के देशों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. वह ढाका में एक स्थानीय सम्मेलन में बोल रहे थे. थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन और MEA द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंद महासागर रिम एसोसिएशन या हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी जैसे समर्पित निकाय बेहद अहम हैं.

नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी

जयशंकर ने कहा, “हिंद महासागर के सभी देशों की भलाई और प्रगति के लिए भारत की प्रतिबद्धता है. हमारे पास हिंद महासागर रिम एसोसिएशन या हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी जैसे समर्पित निकाय हैं जिनकी अपनी लोकप्रियता है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी, सागर आउटलुक और विस्तारित पड़ोस के लिए हमारे दृष्टिकोण के माध्यम से उस विश्वास पर विस्तार किया है. जयशंकर ढाका में थिंक टैंक, इंडिया फाउंडेशन द्वारा सह-आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे, जिसे आरएसएस का करीबी और विदेश मंत्रालय द्वारा सह-प्रायोजित माना जाता है. बता दें कि पूर्व नौसेना अधिकारी कमांडर आलोक बंसल इंडिया फाउंडेशन के निदेशक हैं और इसमें आरएसएस के वरिष्ठ नेता राम माधव की भी भूमिका है.

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शौर्य डोभाल ने किया ट्वीट 

वहीं इसे लेकर एनएसए अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने ट्वीट किया कि उन्होंने छठे हिंद महासागर सम्मेलन में “इंडो-पैसिफिक में आर्थिक रूप से सतत भविष्य के लिए रोडमैप” पर एक सत्र की अध्यक्षता की. शौर्य इंडिया फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल में हैं, जिसमें विनय सहस्रबुद्धे और स्वपन दासगुप्ता भी शामिल हैं, इसकी वेबसाइट के अनुसार, शौर्य के ट्विटर बायो में कहा गया है कि वह उत्तराखंड में भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य भी हैं. छठे सम्मेलन में मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन, मालदीव के उपराष्ट्रपति फैसल नसीम, ​​बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और कई विदेश मंत्री भी शामिल रहे.

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