किसान आंदोलन
Farmers Protest: देश में एक बार फिर से किसान आंदोलन तेज हो गया है. पिछले 5 दिनों से किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिसको लेकर पुलिस के साथ किसानों की झड़पें भी हो रही हैं. इसी बीच किसानों को मनाने के लिए आज यानी कि 18 फरवरी को सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ चौथे दौर की बैठक करने जा रही है. इससे पहले तीन दौर की हो चुकी बैठकों में कोई भी हल नहीं निकल सका है.
आज शाम 6 बजे होगी बैठक
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय आज एक बार फिर से किसानों के साथ बैठक करेंगे. ये बैठक चंडीगढ़ स्थित पंजाब सरकार के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में शाम को 6 बजे होगी.
कौन-कौन बैठक में होगा शामिल
सरकार की ओर से इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल होंगे. वहीं किसानों की तरफ से इस बैठक में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर, भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के जगजीत सिंह डल्लेवाल व जगजीत सिंह के अलावा कई और किसान नेता मौजूद रहेंगे.
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इससे पहले 3 बार हो चुकी है बैठक
बता दें कि किसानों के साथ सरकार की 3 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक तीनों बैठकों में कोई भी ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. हालांकि इस दौरान केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर सहमति जताई है, लेकिन अभी कई मांगें हैं, जिनपर सहमतिनहीं बन पा रही है. इससे पहले 15 फरवरी को सरकार के साथ किसानों की बैठक हुई थी. जिसमें केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए थे.
किसानों की मांगें क्या?
किसानों की सबसे अहम मांग ये है कि उन्हें सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी मिले. इसके लिए कानून बनाया जाए.
फसलों की कीमत डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय हो. किसानों को सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से 50 पर्सेंट ज्यादा एमएसपी मिले.
विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए.
किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं.
नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. फसल बीमा सरकार खुद करे.
मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.
किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्ज माफ हो और किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए.
सरकार 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दे.
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो.
लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
-भारत एक्सप्रेस
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