विदेश मंत्री एस जयशंकर
लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. नेता एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी और विपक्ष पर जमकर हमला बोला. विदेश मंत्री ने कहा कि एक समय था जब हमारे देश में ही लोग पीओके भूल चुके थे. उन्होंने कहा कि युवाओं को पता होना चाहिए कि हमारी क्या गलतियां थी?
विदेश जाकर चीन की तारीफ करते हैं राहुल गांधी
विदेश मंत्री ने कहा कि जब हम यूएन जा रहे थे तो सरदार पटेल ने जवाहर लाल नेहरू को मना किया था, कि संयुक्त राष्ट्र निष्पक्ष नहीं है, आप वहां जा रहे हैं, जो हमेशा पाकिस्तान का पक्ष लेता है. वहीं एस. जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी विदेशों में जाकर चीन की तारीफ करते हैं, और देश में चीन का मुद्दा उठाते हैं. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि ये कांग्रेस की आदत बन चुकी है.
1947 में समंदर में सीमा तय हुई
विदेश मंत्री ने कच्चाथिवु द्वीप का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में भारत और श्रीलंका के बीच समंदर में सीमा तय हुई थी. जब इस पर सहमति बनी थी तो कच्चाथिवु श्रीलंका की सीमा में चला गया था. 1974 के बाद उस समय के विदेश मंत्री ने संसद में आश्वासन दिया कि हमारे मछुआरों के हक में कोई बदलाव नहीं होगा.
2 साल बाद एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया था. जिसमें कहा गया था कि जहां पर पहले हमारे (भारतीय) लोग जाते थे, अब वहां नहीं जा सकते थे. अब डीएमके कह रहा है कि उसे कुछ जानकारी नहीं है. डीएमके संसद में कुछ और बोलती है, बंद कमरे में कुछ और. ये सिर्फ लोगों को गुमराह कर रही है.
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“चीन और पाकिस्तान भारत के लिए खतरा”
चीन के मामले पर जयशंकर ने कहा कि 1950 में हमारे देश में ये चिंतन हुआ कि हम चीन पर क्या नीति अपनाएं, इसे लेकर सरदार पटेल ने पंडित नेहरू को लिखा था कि चीन की नियत हमारे बारे में सकारात्मक नहीं है. हम आश्वासन देते जाते हैं लेकिन हमें नहीं लगता कि वह हमारे बारे में पॉजिटिव हैं. भारत के लिए दो फ्रंट खतरा हैं. एक पाकिस्तान और दूसरा चीन. ऐसे में हमें तैयारी करनी चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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