Cyber Fraud Case
नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम साइबर/पीएस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए 47.60 लाख रुपये से अधिक के साइबर धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया और इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड सहित उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया. यह धोखाधड़ी वडोदरा (गुजरात) और पुणे (महाराष्ट्र) से जुड़ी हुई थी.
47.60 लाख रुपये की धोखाधड़ी
कस्बे मौजपुर, दिल्ली के निवासी श्री रफत मसूद की शिकायत पर FIR No. 01/2025 दर्ज की गई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि 29 जुलाई 2024 को उनके टेलीग्राम अकाउंट पर एक अज्ञात व्यक्ति ने मैसेज भेजा और खुद को सिटेडल ट्रेडर्स क्वांटिटेटिव स्ट्रैटेजीज मास्टर फंड लिमिटेड का अधिकारी बताकर उन्हें शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का प्रस्ताव दिया. धोखाधड़ी करने वाले ने उन्हें उच्च रिटर्न का लालच दिया और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ लिया. इसके बाद, आरोपी ने निवेश के लिए रफत मसूद से करीब 47,60,957 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए.
जब रफत मसूद ने अपनी राशि की वापसी की मांग की, तो धोखाधड़ी करने वालों ने उनसे संपर्क तोड़ दिया. इस मामले की जांच के लिए साइबर पुलिस स्टेशन/नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की एक विशेष टीम बनाई गई, जिसकी अगुवाई इंस्पेक्टर विजय कुमार, SHO/Cyber PS/NED ने की. टीम में SI नंदन सिंह, HC अमित, HC सुनीत और Ct दीपक भी शामिल थे, और ACP/ऑपरेशन्स/NED के पर्यवेक्षण में यह जांच चल रही थी.
आयाज था धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड
जांच के दौरान, टीम ने उन बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें धोखाधड़ी की गई रकम ट्रांसफर की गई थी, और शरिकांत आर भोसले (उम्र 37 वर्ष), निवासी मनाजी नगर, पुणे को गिरफ्तार किया. शरिकांत की गिरफ्तारी के बाद, उसके बयान पर एक छापेमारी की गई, जिसके दौरान इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड आयाज पटेल (उम्र 31 वर्ष), निवासी तांडलाजा, वडोदरा को भी गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में यह सामने आया कि आयाज पटेल मलेशिया में रहकर कॉल सेंटर से इस धोखाधड़ी के नेटवर्क को चला रहा था. शरिकांत भोसले मलेशिया में बैठे आयाज पटेल को बैंक खाते मुहैया कराता था, जिनका संचालन remotely आयाज पटेल कर रहा था. इस कार्रवाई में 04 मोबाइल फोन, 07 भारतीय सिम कार्ड और 01 मलेशियाई सिम कार्ड भी जब्त किए गए.
-भारत एक्सप्रेस
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