India-US Relations
अमेरिका के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी (BIS) ने भारत की तीन प्रमुख संस्थाओं – इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) को अपनी प्रतिबंधित सूची से हटा दिया है. यह निर्णय दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने और साझा ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
अमेरिकी अधिकारियों ने इस कदम को दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, संयुक्त अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लिया है. यह फैसला उन बाधाओं को कम करेगा जो उन्नत ऊर्जा सहयोग के रास्ते में आ रही थीं.
संयुक्त अनुसंधान-विकास को बढ़ावा
इस फैसले से भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा और तकनीकी परियोजनाओं में सहयोग को नई दिशा मिलेगी. दोनों देशों के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ अब ऊर्जा सुरक्षा और नवीन तकनीकों पर मिलकर काम कर सकेंगे. इससे भारत को अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी.
आखिरकार माना साझेदारी का लोहा
अमेरिका ने कहा कि यह कदम उसके विदेश नीति उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में सहायक होगा. यह भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करेगा और वैश्विक ऊर्जा संकट का समाधान निकालने में योगदान देगा.
आपसी संबंधों के लिए महत्वपूर्ण कदम
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला दोनों देशों के बढ़ते सामरिक और तकनीकी संबंधों को और मजबूत करेगा. भारतीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी संस्थान अब वैश्विक स्तर पर उन्नत अनुसंधान परियोजनाओं में भाग ले पाएंगे, जो भारत की तकनीकी क्षमताओं और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए लाभदायक होगा.
भारत सरकार ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का प्रतीक बताया है. इससे न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी नवाचार में भी एक नई शुरुआत होगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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