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News Click Case: 32 साल से प्रबीर पुरकायस्थ और गौतम नौलखा की दोस्ती, दिल्ली पुलिस की FIR में कई संगीन आरोप

चीन से फंडिंग के मामले में दिल्ली पुलिस ने समाचार वेबसाइट न्यूज क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है.

न्यूज क्लिक विदेशी फंडिंग मामला (फाइल फोटो)

चीन से फंडिंग के मामले में दिल्ली पुलिस ने समाचार वेबसाइट न्यूज क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है. दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड में भेजा गया है. न्यूज क्लिक ने आरोप लगाया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से FIR की कॉपी नहीं दी गई है.

प्रबीर और नौलखा की दोस्ती 32 साल से

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने FIR में ईडी के दावों को भी शामिल किया है. जिसमें कहा गया है कि न्यूज क्लिक को तीन अलग-अलग संस्थाओं से फंड मिला है. इसके अलावा प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के माओवादी लिंक मामले में घर में नजरबंद गौतम नौलखा के बीच 32 साल से दोस्ती है, का भी जिक्र है.

ईडी ने 2021 में न्यूज क्लिक के परिसर की तलाशी ली थी

प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 14 अगस्त 2023 को न्यूज क्लिक के खिलाफ दर्ज एक मामले का भी जिक्र किया है. ईडी ने विदेशी मामलों की जांच के तहत फरवरी, 2021 में न्यूज क्लिक के परिसर की तलाशी ली थी. जिसमें 2018 से लेकर 2021 के बीच रुपये मिलने की जानकारी मिली थी.

गौतम नौलखा पर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप

स्पेशल सेल ने अपनी FIR में 1991 से न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और गौतम नौलखा की दोस्ती का भी जिक्र किया है. गौतम नौलखा को एल्गार परिषद- माओवादी लिंक मामले में घर नजरबंद किया गया है. रिमांड आवेदन में स्पेशल सेल ने कहा है कि 2018 में स्थापना के बाद से न्यूज क्लिक में गौतम नौलखा शेयरधारक थे. नौलखा पर प्रतिबंधित नक्सली संगठनों को सक्रिय रूप से समर्थन देने, देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है.

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सरकार को बदनाम करने की साजिश की गई

इसके अलावा रिमांड आवेदन में ये भी कहा गया है कि आरोपी ने सरकार के कोविड-19 मैनेजमेंट को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी बनाई. आरोपितों ने भारत में एक समुदाय के जीवन के लिए जरूरी आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने, इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से किसानों के विरोध को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची.

-भारत एक्सप्रेस

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