जापान के पीएम फुमियो किशिदा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
G20 Summit 2023: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कारोबारी संबंधों को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर विस्तार से हुई.
इसके पहले, पीएम मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. ब्रिटिश पीएम इस वक्त भारत के दौरे पर हैं, जहां वे जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं.
जी20 समिट के पहले सत्र का हुआ आगाज
भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन का शनिवार को आगाज हुआ, जहां अफ्रीकन यूनियन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह का स्थायी सदस्य बन गया. जी20 की स्थापना 1999 में की गई थी और इसके बाद से इस गुट में यह पहला विस्तार है.
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सभी सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया.
G20 Summit 2023 : PM Narendra Modi और Japanese PM Fumio Kishida ने Delhi में की द्विपक्षीय बैठक. #G20Summit #G20India2023 #Delhi #NarendraModi #FumioKishida #BharatExpress @narendramodi @kishida230 pic.twitter.com/Fr6qPioI9N
— Bharat Express (@BhaaratExpress) September 9, 2023
पहले सत्र में क्या-क्या हुआ?
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र हुए दुनिया के शीर्ष नेताओं ने जलवायु मोर्चे सहित विश्व के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतियों से निपटने की तत्काल आवश्यकता होने का आह्वान किया. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि जी20 नेता वित्तीय संकट के बाद वैश्विक विकास को बहाल करने के लिए 15 साल पहले पहली बार एक साथ आए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘हम (अब) अत्यधिक चुनौतियों वाले समय में मिल रहे हैं – दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी20 की ओर देख रही है. मेरा मानना है कि हम मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.’’
वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा कि उनके देश की जी20 अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्य बल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम शमन, अनुकूलन, हानि और क्षति तथा वित्तपोषण के बीच संतुलित जलवायु एजेंडे के साथ, ग्रह की स्थिरता और लोगों की गरिमा सुनिश्चित करते हुए 2025 में ‘सीओपी 30’ तक पहुंचना चाहते हैं.’’
-भारत एक्सप्रेस
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