जॉर्ज सोरोस.
अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस का नाम आजकल भारत की सियासत की गलियों में खूब सुनाई दे रहा है. भारतीय जनता पार्टी इन दिनों जॉर्ज सोरोस का नाम खूब ले रही है. साथ ही कांग्रेस पर भी निशाना साध रही है. आखिर क्या है पूरा मामला…
भाजपा को घेरना चाहती है कांग्रेस
भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी को लेकर अमेरिका ने कुछ आपत्तियां जताई थीं. उसको लेकर कांग्रेस की ओर से खूब हो-हल्ला किया गया. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सदन से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन किया. अडानी मुद्दे पर भाजपा ने कई बार प्रेस वार्ता कर के सफाई दी और सीधे तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधा.
इसी बीच भाजपा ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के कथित संबंध का आरोप लगाया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लीडर्स ऑफ एशिया पैसिफिक फोरम से सोनिया गांधी के संबंध है. इस फोरम की फंडिंग जॉर्ज सोरोस करते हैं. हालांकि विपक्ष की ओर से इस बात का खंडन किया गया है. भाजपा की ओर से ये आरोप भी लगाया गया कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट एक फ्रेंच पब्लिकेशन है, इसमें इंडिया पर फोकस किया गया है. इससे भी कांग्रेस का कनेक्शन है.
संसद सत्र से पहले क्यों उठते हैं ऐसे मामले?
भाजपा का ये आरोप है कि जब भी सदन का कोई सत्र चलने वाला होता है तभी कोई मामला सामने आता है. संसद सत्र के चलने से ठीक पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पेगासस रिपोर्ट, किसान आंदोलन जैसी घटनाएं सामने आती हैं. इसको संयोग से तो बिल्कुल भी जोड़कर नहीं देखा जा सकता.
हालांकि कांग्रेस गौतम अडानी के मु्द्दे पर हमलावर होते हुए इस मामले के संसद में उठाने की कोशिश कर रही थी. साथ ही जेपीसी की भी मांग कर चुकी है. इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के अलावा सुधांशु त्रिवेदी और संबित पात्रा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी आरोप लगाए. ऐसा नहीं है कि सोरोस पर पहली बार भाजपा हमलावर रही है,बल्कि अमेरिकी अरबपति कारोबारी जॉर्स सोरोस के मुद्दे पर भाजपा पहले पहले भी हमलावर रही चुकी है.
जॉर्ज सोरोस को नहीं भाते हैं पीएम मोदी
पिछले साल जर्मनी के म्यूनिख में रक्षा सम्मेलन में जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया था. जॉर्ज सोरोस ने कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश तो है, लेकिन वहां के प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक नहीं हैं. भारतीय मुसलमानों पर हिंसा करके ही नरेंद्र मोदी बड़े नेता बने हैं.
इसके अलावा सोरोस ने कई बार गौतम अडानी का पर भी हमला बोला और कहा था कि मोदी और अडानी के रिश्ते काफी करीबी हैं. दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और कुछ हद तक दोनों का भविष्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है. सोरोस ने अडानी पर स्टॉक मैनीपुलेशन का भी आरोप लगाया.
पिछले साल भी भारत में हुआ था जिक्र
पिछले साल जब जॉर्ज सोरोस ने ये आरोप लगाए तो उस समय भी सोरोस का रिश्ता राहुल गांधी से जोड़ा गया. उस समय की तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरान ने कहा था कि ये लोकतंत्र की प्रक्रिया को खराब करने के लिए किया जा रहा है. उस समय भी सोरोस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी आरोप लगाए और उस बयान को ‘यूरो अटलांटिक नज़रिये’ की संज्ञा दी गई. उस समय जयशंकर ने कहा था कि सोरोस न्यूयॉर्क में बैठकर ये सोचते हैं कि उनके विचारों के मुताबिक दुनिया चलनी चाहिए. सोरोस एक हठी और सनकी व्यक्ति हैं. 2020 के जनवरी महीने में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में सोरोस ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जा रहा है, जो ठीक नहीं है. ऐसे बयान कांग्रेस की ओर से भी कई बार देखा गया है और कांग्रेसी नेता भी ऐसे बयान देते रहे हैं.
कौन हैं जार्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस अमेरिकी कारोबारी और निवेशक हैं. वर्ष 1992 में शॉर्ट सेलिंग से बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बादी के कगार तक ला दिया था. जॉर्ज सोरोस, हंगरी के एक यहूदी परिवार में जन्मे थे. जर्मनी में जब हिटलर का अत्याचार शुरू हुआ और यहूदियों को मारा जाने लगा तो सोरोस वहां से सुरक्षित बचते हुए भाग निकले. उसके बाद वे पश्चिमी देश में चले गए.
शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने वाले सोरोस ने शेयर बाजार से 44 अरब डॉलर से अधिक की रकम कमाई. कमाए हुए पैसे से सोरोस ने हजारों स्कूल-कॉलेज, अस्पताल बनवाए. लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले लोगों की भी सोरोस ने मदद की. वर्ष 1979 में सोरोस ने एक ओपन सोसायटी फाउंडेशन बनाया, जो अब करीब 120 देशों में काम करती हैं.
2003 में इराक युद्ध की आलोचना भी सोरोस ने किया और अमेरिका को लाखों डॉलर दान में दे दिए. अमेरिकी दक्षिणपंथियों के अलावा दूसरे देशों के दक्षिणपंथियों के भी निशाने पर सोरोस हमेशा रहते हैं. 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी आरोप लगाया था कि हजारों शरणार्थियों अमेरिका आने के लिए सोरोस ने पैसे दिए थे. हालांकि ये बात प्रमाणित नहीं हो सकी. पीएम मोदी और ट्रंप के सबसे बड़े आलोचक सोरोस हैं.
कई देशों के लिए सिरदर्द हैं सोरोस
जॉर्ज सोरोस के खिलाफ अमेरिका में नहीं बल्कि आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस और रूस में भी कई अभियान चलाए गए. एक बार तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप अर्दोआन ने ये तक कहा था कि सोरोस तुर्की को बांटना चाहते हैं. वो विद्रोहियों के सरदारों में से एक हैं. ब्रिटेन की ब्रेग्जिट पार्टी के नाइजल फराज के अनुसार पूरे यूरोप में शरणार्थियों को फैलाने के काम सोरोस ही करते हैं. इसके लिए शरणार्थियों की सोरोस मदद करते हैं और दूसरे देशों के लिए खतरा पैदा करते हैं.
कई देशों के मुताबिक जॉर्ज सोरोस पूरी पश्चिमी दुनिया के लिए बड़ा खतरा हैं. हंगरी की सरकार भी सोरोस को अपना दुश्मन मानती है और 2018 के चुनाव में प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने चुनाव प्रचार के दौरान आड़े हाथ लिया था.
अब जॉर्ज सोरोस की नजर भारत की ओर है. भारत के बारे में बयानबाजी करके वो सुर्खियों में हैं. अब भाजपा ने आरोप लगाया है कि जॉर्ज सोरोस भारत की लोकतंत्र की स्थिति को खराब करना चाहते हैं और भारत में सोरोस की मदद कांग्रेस कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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