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Ghaziabad: सरकारी जमीन का मुआवजा लेने पर BJP विधायक के खिलाफ 1.8 करोड़ का रिकवरी नोटिस जारी

प्रशासन ने विधायक के परिवार की ही अंशु तोमर के खिलाफ भी 1.08 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया है. इस मामले में पहले विधायक और अंशु को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. इस पर दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो वसूली नोटिस जारी कर दिया गया.

धर्मेश तोमर (फोटो सोशल मीडिया)

Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां धौलाना के भाजपा विधायक धर्मेश तोमर के खिलाफ अपर जिलाधिकारी भूमि अर्जन श्याम अवध ओझा ने 1.08 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया है. नोटिस में बताया गया है कि बीजेपी विधायक ने पहले तो पट्टे की सरकारी जमीन को अपने नाम कराया और फिर गलत तरीके से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से उसका मुआवजा ले लिया था. यह जमीन ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेसवे में आ गई थी. जब इसकी छानबीन की गई तो मामला खुलकर सामने आया और इसी के बाद नोटिस जारी किया गया है.

बता दें कि ये पूरा मामला उस समय का है, जब प्रदेश में सपा की सरकार थी. उस समय धर्मेश तोमर धौलाना से ही सपा के विधायक हुआ करते थे. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन समय में जब वह सपा के विधायक थे, तभी ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेस वे बनाए जाने की योजना शुरू हुई थी. इसी दौरान विधायक ने डासना में जमीन खरीदी. तो दूसरी ओर पेरिफेरेल एक्सप्रेसवे की योजना मंजूर हो जाने के कारण एनएचएआई ने जमीन अधिग्रहण की. इसी में विधायक की जमीन भी आ गई. इस पर विधायक को जमीन के बदले में सरकार की ओर से 2017 में एक करोड़ आठ लाख 26 हजार 400 रुपये का मुआवजा मिला. तो वहीं इसी साल यानी 2017 में धर्मेश फिर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा. इस पर वह 2019 में भाजपा में आ गए और 2022 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद जीत गए व विधायक बन गए. दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर हाल ही में कुछ लोगों ने गाजियाबाद के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा और जानकारी दी कि, 2022 में भाजपा के टिकट से बने विधायक धर्मेश तोमर और उनकी भतीजी को जिस जमीन का मुआवजा दिया गया, वह सरकारी है. इसके बाद प्रशासन ने जांच बिठाई तो स्थिति साफ हो गई और विभाग में हड़कम्प मच गया. जांच में ये बात स्पष्ट हो गई कि विधायक ने जिस जमीन पर मुआवजा लिया वह तो सरकारी है. इसी के बाद विधायक का मुआवजा निरस्त कर दिया गया और जमीन को फिर से ग्राम समाज की भूमि दर्ज कर दी गई, साथ ही 1.8 करोड़ का रिकवरी नोटिस भी जारी कर दिया गया.

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अब और लोगों पर भी टेढ़ी हुई प्रशासन की नजर

वहीं प्रशासन को जानकारी मिली है कि विधायक धर्मेश की तरह ही और भी लोगों ने भी सरकारी जमीन पर मुआवजा उठाया है. हलांकि इस सम्बंध में प्रशासन ने जांच भी कराई है और इसकी पुष्टि भी हो चुकी है. इसके बाद प्रशासन ने विधायक के परिवार के ही अंशु तोमर के खिलाफ भी 1.08 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया है. बता दें कि इस मामले में पहले विधायक और अंशु को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. इस पर दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो वसूली नोटिस जारी कर दिया गया.

-भारत एक्सप्रेस



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