
Good News for farmers: मोदी सरकार हमेशा से किसान हितैषी रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत है. इसी दिशा में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों की उपज खरीदने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिससे उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके.
भारत सरकार का संकल्प है कि देश में दलहन उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाया जाए. इसी के तहत तुअर (अरहर), उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दलहनों की खरीद को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत राज्य के उत्पादन के 100% तक तुअर, उड़द और मसूर की खरीद को मंजूरी दी है. यह निर्णय किसानों को दलहन उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगा और देश की आयात निर्भरता को कम करेगा.
बजट 2025 में ऐतिहासिक घोषणा
बजट 2025 में केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया कि 2028-29 तक अगले चार वर्षों के लिए राज्य के उत्पादन का 100% तक तुअर, उड़द और मसूर की खरीद सुनिश्चित की जाएगी. इससे देश में दलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा.
किसान हित में खरीफ 2024-25 की खरीद प्रक्रिया
सरकार ने खरीफ 2024-25 सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना के तहत नौ प्रमुख राज्यों—आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है. साथ ही, कर्नाटक में खरीद की अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 01 मई 2025 तक कर दिया गया है, जिससे अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें.
MSP पर खरीद से लाखों किसान को लाभ
नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) के माध्यम से आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में MSP पर खरीद जारी है. अब तक 25 मार्च 2025 तक इन राज्यों में कुल 2.46 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद की जा चुकी है, जिससे 1,71,569 किसान लाभान्वित हुए हैं. उत्तर प्रदेश में फिलहाल तुअर की कीमत MSP से ऊपर चल रही है, इसलिए वहां किसानों को बाज़ार से ही अधिक कीमत मिल रही है.
चना, सरसों और मसूर की भी MSP पर खरीद को मंजूरी
रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2025 के दौरान सरकार ने चना, सरसों और मसूर की खरीद को भी मंजूरी दी है. चने की कुल स्वीकृत मात्रा 27.99 लाख मीट्रिक टन, सरसों की 28.28 लाख मीट्रिक टन और मसूर की 9.40 लाख मीट्रिक टन तय की गई है. इन फसलों की खरीद से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. इसके अलावा, तमिलनाडु में खोपरा (मिलिंग और बॉल) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है.
पीएम-आशा योजना को बढ़ाया गया
मोदी सरकार ने किसानों को समर्थन देने के लिए पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक बढ़ा दिया है. इस योजना के तहत दालों और तिलहनों की MSP पर खरीद जारी रहेगी, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलती रहेगी.
सरकार ने सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि वे सुनिश्चित करें कि MSP से नीचे किसी भी फसल की खरीद न हो. साथ ही, किसानों की सुविधा के लिए नैफेड और एनसीसीएफ के पोर्टलों का उपयोग आसान बनाया गया है ताकि किसान अपनी उपज का पंजीकरण और बिक्री बिना किसी परेशानी के कर सकें.
कृषि मंत्री का संकल्प
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. सरकार का उद्देश्य किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाना है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
मोदी सरकार के इन फैसलों से देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा और भारत की खाद्य सुरक्षा में भी सुधार होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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