वायु प्रदुषण (IANS Photo)
Air Pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर के मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण-3 के प्रतिबंध फिर से लागू कर दिए गए हैं. केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने यह निर्णय क्षेत्र की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए लिया.
वायु गुणवत्ता में गिरावट
दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के करीब पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी के नजदीक है.
– विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने और धीमी हवाओं के कारण प्रदूषण के कण वातावरण में अधिक समय तक बने रह रहे हैं.
– निर्माण कार्य, वाहनों का उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने जैसी गतिविधियां वायु प्रदूषण को बढ़ा रही हैं.
GRAP-3 के तहत प्रतिबंध
GRAP-3 के तहत कई सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके.
– निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक: सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस गतिविधियां (जरूरी परियोजनाओं को छोड़कर) निलंबित कर दी गई हैं.
वाहनों पर कड़ी निगरानी
डीजल चालित वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगाई गई है, विशेष रूप से वे वाहन जो BS-III और BS-IV मानकों के तहत आते हैं.
– औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण: कोयले और अन्य प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया है.
– सड़क धूल नियंत्रण: सड़कों की यांत्रिक सफाई और जल छिड़काव तेज किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए दिशा-निर्देश
– बाहर जाने से बचें, विशेष रूप से सुबह और देर शाम जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है.
– बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
– मास्क पहनना और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना आवश्यक हो गया है.
सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
– पराली जलाने पर निगरानी:
हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है.
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा
दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई गई है ताकि लोग निजी वाहनों का कम उपयोग करें.
– ग्रीन क्रैकर्स पर प्रतिबंध:
दिवाली के बाद ग्रीन पटाखों पर भी रोक लगाई गई है.
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि GRAP-3 जैसे उपाय अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन स्थायी समाधान के लिए व्यापक रणनीति की जरूरत है.
– कचरे के बेहतर प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
– वाहनों के इलेक्ट्रिक वर्जन को बढ़ावा देना और प्रदूषणकारी उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करना जरूरी है.
आगे की स्थिति
यदि वायु गुणवत्ता में और गिरावट होती है, तो GRAP-4 लागू किया जा सकता है, जिसमें अत्यधिक सख्त प्रतिबंध शामिल होंगे, जैसे स्कूलों को बंद करना और गैर-जरूरी गतिविधियों पर रोक.
निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने बढ़ते प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की है. कई लोगों का कहना है कि वे सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले की खराश जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये उपाय कितना प्रभावी साबित होते हैं.
- भारत एक्सप्रेस
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