Uttarakhand tunnel collapse
Uttarakhand tunnel collapse: शुक्रवार देर रात ड्रिलिंग मशीन में एक और खराबी आने के बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का प्रयास जारी है. सीएम पुष्कर सिंह धामी मौके पर डटे हुए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल और आईटीबीपी जैसी एजेंसियां फंसे हुए श्रमिकों के लिए बचाव अभियान चलाने के लिए शामिल हो गई हैं, और अंततः लोगों को बचाने के लिए मलबे में सुरंग बनाने के लिए एक अमेरिकी ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा था. लेकिन अब उससे काम नहीं हो पा रहा है. इस बीच, ध्वस्त सुरंग में खोदे गए 6 इंच के पाइप के माध्यम से श्रमिकों को भोजन, पेय और चिकित्सा आपूर्ति दी जा रही है. अब खबर आई है कि सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से 3 की तबीयत खराब हो गई है.
मजदूरों के सीने में दर्द की शिकायत
बताया गया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी की वजह से अंदर तीन मजदूरों की तबीयत खराब हो गई है. टेंशन की वजह से इनको सिरदर्द और सीने में दर्द की शिकायत है. दूसरी ओर मजदूरों के परिजन भी बेहद निराश हैं. 57 मीटर के मलबे में ड्रिलिंग कर अब तक 46.8 मीटर तक स्टील पाइप डाले जा चुके हैं जबकि 10-12 मीटर ड्रिलिंग शेष है. हर दिन इसी इंतजार में बीत रहा है कि आज रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा. लेकिन अंत में निराशा ही हाथ लगती है.
शुक्रवार देर रात रोक दी गई थी ऑगर से ड्रिलिंग
बता दें कि ऑगर से ड्रिलिंग एक और तकनीकी खराबी की वजह से शुक्रवार देर रात रोक दी गई थी. श्रमिकों को कब बचाया जाएगा, इसकी फिलहाल कोई समयसीमा नहीं है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एजेंसियों को बचाव अभियान के अंतिम चरण को तेज गति से चलाने का आदेश दिया है, क्योंकि 12 नवंबर से मजदूर मलबे में फंसे हुए हैं. बचावकर्मियों ने मलबे के खोदे गए हिस्से के अंदर एक पाइप लगाने का फैसला किया है. अब तक लगभग 46 मीटर स्टील पाइप डाले जा चुके हैं. एनडीआरएफ कर्मियों ने फंसे हुए मजदूरों को एक-एक करके पहिए वाले स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकालने की योजना बनाई है.
-भारत एक्सप्रेस