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पीएफआई के पूर्व संयोजक इब्राहिम की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने NIA को जारी किया नोटिस, 11 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

एनआईए के मुताबिक पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

दिल्ली हाई कोर्ट ने PFI के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक इब्राहिम पुथानाथानी की ओर से दायर याचिका पर NIA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 11 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. निचली अदालत ने इब्राहिम पुथानाथानी को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए जमानत गुहार लगाई है.

पीएफआई पर लगे हैं ये आरोप

एनआईए के मुताबिक पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची और इस उद्देश्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाए. इब्राहीम पर साल 2022 में अप्रैल के महीने में केस दर्ज हुआ था, जब पीएफआई के ठिकानों पर पूरे देश में कई जगह छापेमारी कार्रवाई हुई थी. इसके बाद सितंबर 2022 को पीएफआई पर बैन लगा दिया था.

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सरकार ने PFI को किया बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 27 सितंबर 2022 को अधिसूचना जारी की गई थी. पीएफआई और उसके सहयोगियों या मोर्चो को तत्काल प्रभाव से 5 साल के लिए गैर कानूनी संघ घोषित किया गया है. यूएपीए की धारा 3(1) के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र ने पीएफआई ही नहीं, कई अन्य संगठनों पर भी बैन लगाया है. इनमें ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फाउंडेशन इंडिया, नेशनल विमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट जैसी संस्थाएं शामिल हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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