
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा चीफ इंजीनियर विमल नेगी की आत्महत्या के मामले की जांच CBI को सौंपने के एक दिन बाद, राज्य सरकार ने अब इस फैसले के पीछे जिम्मेदार माने जा रहे पुलिस महानिदेशक (DGP) के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, DGP द्वारा अदालत में सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर ही कोर्ट ने यह अहम फैसला लिया था, जिससे सत्ता के शीर्ष तक फैले कथित भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं.
जानकारी के अनुसार, कोर्ट का फैसला आते ही दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, महाधिवक्ता और मुख्यमंत्री के ऊर्जा परियोजनाओं पर प्रमुख सलाहकार के बीच एक लंबी बैठक हुई. इसी बैठक में DGP के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्णय लिया गया, जिसकी सूचना शिमला एसपी को दी गई है.
इतना ही नहीं, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को भी इस बाबत तैयार रहने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि उन्हें 31 मई को सेवानिवृत्त होना है और उससे पहले ही उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है.
आदेश के खिलाफ अपील करेगी सरकार
सरकार ने यह भी फैसला किया है कि हाईकोर्ट की डबल बेंच में इस आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी ताकि किसी भी तरह यह मामला CBI के पास जाने से रोका जा सके. हालांकि, आम जनता और मृतक इंजीनियर के परिवार ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और इसे न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना है.
यह घटनाक्रम न केवल प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में हलचल मचा रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि जब भ्रष्टाचार के खिलाफ न्यायपालिका सख्ती दिखाती है, तो सत्ता में बैठे लोग उसे पलटने की कोशिशों में जुट जाते हैं. अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट की डबल बेंच की आगामी सुनवाई और CBI की संभावित जांच पर टिकी हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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