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हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा – भारतीय संस्कृति के लिए एक होने की आवश्यकता

महाकुम्भ नगर में सोमवार को दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा “वैश्विक आतंकवाद – समाधान भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया.

Himachal Governor Shiv Pratap Shukla

हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

महाकुम्भ नगर में सोमवार को दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा “वैश्विक आतंकवाद – समाधान भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

अपने संबोधन में शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हम लोग जहां हैं, वह कुम्भ का क्षेत्र है और आज महाकुम्भ है, जो 144 वर्षों के उपरांत लगा है. इसमें लोग जगह जगह घूमकर लोगों के विचार मंथन सुनने का काम कर रहे हैं. यहां से जो विचार आएगा, उस विचार पर यदि विचार करेंगे तो वही आतंकवाद का समाधान है. प्रधानमंत्री ने एक बात बहुत अच्छी कही कि एक हैं तो सेफ हैं. हमें अपनी एकता को बनाने की आवश्यकता है. हम मजबूती के साथ खड़े हों. हर वक्ता अपने विचारों को रखते हुए इस बात को जरूर कहेगा.

उन्होंने कहा कि हम आज जिस कुम्भ में हैं, उस कुम्भ में यही विचार आएगा कि हमें अपनी भारतीय संस्कृति के लिए एक होने की आवश्यकता है. भारतीय संस्कृति बढ़े, इसके लिए एक होने की आवश्यकता है. भारतीय संस्कृति पर विचार मंथन हो, इसके लिए एक होने की आवश्यकता है. भारतीय सनातन संस्कृति जो है, यह कुम्भ उसका हृदय है. हृदय से उठती हुई अनेक बातें होती हैं.

सहज रूप से जो हमें अच्छा लगे, हृदय से उपजी हुई वही बात हम स्वीकार करते हैं. अद्वितीय हमारी सभ्यता है. गौरवशाली परंपराएं हमारी रही हैं. विचार मंथन वैसे भी होता रहा है. राष्ट्रपति इस देश में अनेक हुए लेकिन अब्दुल कलाम जब इस देश के राष्ट्रपति हुए तो जगह जगह जाकर वे अपनी बातों को रखते थे. व्याख्यान देते थे. बच्चों को पढ़ाते थे. वह राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं हुए.

इस अवसर पर आचार्य प्रदीप कौशल जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि आत्महीनता छोड़कर हमें धर्म के आलोक में जीवन को श्रेष्ठ बनाना होगा. वरिष्ठ अधिवक्ता सुबूही खान ने कहा कि अगर आतंकवाद को कोई खत्म कर सकता है तो वह भारत है. वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आतंकवाद केवल देश के बाहर से नहीं, बल्कि भीतर से भी चुनौती है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने की. उनके साथ संयोजक संजय चतुर्वेदी, विनीत अग्रवाल और मिशन के कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे. सामूहिक वंदे मातरम् के गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

-भारत एक्सप्रेस 



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