प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह.
Pratibha Singh Vikramaditya Singh attend Ram mandir Inauguration Programme: 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं. इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने मंदिर के उद्घाटन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया. हिमाचल प्रदेश में इस कार्यक्रम को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. हिमाचल के दिग्गज कांग्रेस परिवार और पूर्व राजपरिवार की सदस्य प्रतिभा सिंह ने राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की है.
सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर प्रतिभा सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की राम मंदिर निर्माण की पहल वाकई में सराहनीय है. उन्होंने कहा कि उनके दिवंगत पति और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की देवी-देवताओं में गहरी आस्था थी. उन्होंने राज्य के कई मंदिरों को जीर्णोद्धार करवाया था. उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके बेटे विक्रमादित्य को संयुक्त निमंत्रण मिला है. हालांकि उन्होंने कार्यक्रम में जाने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
यह मेरी आस्था का विषय- विक्रमादित्य सिंह
वहीं उनके बेटे और हिमाचल की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या जाएंगे. मैं स्वयं को लकी मानता हूं कि मुझे मंदिर उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके लिए मैं वीएचपी और आरएसएस को धन्यवाद देता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि देव समाज के तौर पर यह मेरी आस्था का विषय है. ऐसे में मैं एक हिंदू परिवार से आता हूं. मंदिर को लेकर हो रही राजनीति से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं सीएम सुखविंदर को पहले ही बता चुका हूं. ऐसे में नहीं जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
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भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बता दें कि कांग्रेस आलाकमान के निमंत्रण पत्र को ठुकराने के बाद से भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से राम मंदिर का विरोध करती आई हैं. वह राम को काल्पनिक मानती है. उनके कई नेता अदालत में राम मंदिर आंदोलन के समय से ही रोड़े अटकाते रहे हैं.
ऐसे में उनके इस निर्णय से पार्टी को कोई हैरानी नहीं हैं. कांग्रेस को आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हालांकि कांग्रेस ने इस आयोजन को राजनीतिक करार दिया है. राजनीतिक विश्लेषक भी कांग्रेस के इस निर्णय से सकते में हैं.