IAS अधिकारी आंजनेय सिंह
IAS Aunjaneya Kumar Singh: भारत सरकार ने 2005 बैच के सिक्किम कैडर के आईएएस अधिकारी आंजनेय सिंह (Aunjaneya Singh) की उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति को एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया है. नियमानुसार 5 साल तक ही इंटरस्टेट डेपुटेशन पर रहा जा सकता है. लेकिन केंद्र सरकार (Central Government) ने अपनी नीति में छूट देते हुए आंजनेय सिंह को कई वर्ष का विस्तार पहले से ही दिया हुआ है. विस्तार (Extension) मिलने से पहले आंजनेय सिंह छुट्टी पर अपने गृह जनपद मऊ में अपने भाई के जन्मदिन पर पहुंचे थे, तभी उनको डेपुटेशन के एक्सटेंशन की सूचना मिली.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में 16 फरवरी 2015 को राज्य में प्रतिनियुक्ति पर आंजनेय सिंह (Aunjaneya Kumar Singh) पहली बार आये थे, तबसे वह लगातार 8 वर्षों से उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वर्तमान समय में वह मुरादाबाद मण्डल के मण्डलायुक्त हैं, गौरतलब है कि मुरादाबाद मण्डल (Moradabad Division) के अन्तर्गत ही रामपुर जनपद (Rampur District) भी है. जहां वो डीएम का कार्यभाल संभाल चुके हैं. अब वह 14 फरवरी 2023 तक उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे सकते हैं.
चर्चा में कब आये
रामपुर (Rampur) में जिलाधिकारी रहने के दरम्यान पूर्व मंत्री (Ex Minister) व सांसद (Member of Parliament) आजम खान के खिलाफ कार्रवाई के बाद आंजनेय सिंह चर्चा में आये. डीएम रामपुर (DM Rampur) के उनके कार्यकाल में आजम खान पर 6 दर्जन मुकदमे दर्ज हुए, उन्हीं मामलों में रामपुर के आज़म खान को सीतापुर (Sitapur) जेल जाना पड़ा एवं सजा तक का सामना करना पड़ा. आंजनेय सिंह ने जिलाधिकारी रामपुर के प्रभार के दौरान तमाम ऐसी संपत्तियों को आजम और उनके परिवार से मुक्त कराया, जिनपर अवैध कब्जे (Encroachment) का आरोप था. इसके अलावा उन्होंने आजम खान को भूमाफिया तक घोषित कर दिया.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी महीने में आंजनेय सिंह को रामपुर जिले का डीएम बनाया गया. इस दौरान उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही उसका सख्ती से पालन कराया. इस चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन से प्रत्याशी (Candidate) के तौर पर आजम खान थे. इस दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले आजम खान के कई करीबियों पर भी कार्रवाई की गई. उनकी इस कार्रवाई से आजम खान (Azam Khan) इतने नाराज थे कि उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते आज़म खान के खिलाफ चुनाव आयोग ने मुकदमा दर्ज किया जिसके चलते आज़म खान को मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा.
कौन हैं आंजनेय सिंह
आंजनेय सिंह मूल रुप से यूपी के मऊ जनपद (Mau District) के अरियासो गॉव के रहने वाले हैं. लेकिन इनके पिता मऊ शहर के नज़दीक सलाहाबाद गॉव में आकर बस गये. इनके पिता डॉक्टर महेन्द्र सिंह (Dr Mahendra Singh) डीसीएसके पीजी कॉलेज (DCSK PG College), मऊ में जियोग्राफी डिपार्टमेंट (Geography Department) के विभागाध्यक्ष एवं चीफ प्रॉक्टर रह चुके हैं. तीन भाईयों में सबसे बड़े भाई सतीश सिंह अध्यापक तो आंजनेय सिंह आईएएस एवं तीसरे तथा सबसे छोटे भाई अजीत सिंह डॉक्टर हैं.
अब्दुल्ला आज़म की विधायकी आंजनेय सिंह की रिपोर्ट पर गई
समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर जनपद के स्वार विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली खान (Kazim Ali Khan) ने अब्दुल्ला आज़म का नामाकंन के वक्त 25 वर्ष से कम उम्र होने को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.
इस मामले में चुनाव आयोग (Election Commission) ने जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश तत्कालीन जिलाधिकारी रामपुर आंजनेय सिंह दिया. डीएम की रिपोर्ट के आधार पर अब्दुल्ला आज़म की सदस्यता समाप्त हो गई थी.
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