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UP Politics: “मोदी है तो मुमकिन है…ये वक्त…”, वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग पर बोले इमरान मसूद, मायावती को दी नसीहत

Meerut News: मायावती पर निशाना साधते हुए इमरान मसूद ने कहा कि अगर आने वाले लोकसभा चुनाव में मायावती गठबंधन में शामिल नहीं होती हैं तो बसपा जीरो पर आउट हो जाएगी.

इमरान मसूद (फोटो सोशल मीडिया)

Meerut News: पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग पर सियासत तेज होती दिखाई दे रही है. अब इस मामले में सहारनपुर के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक इमरान मसूद भी कूद गए हैं और उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान की मांग का समर्थन किया है. इमरान मसूद ने कहा है कि ये वक्त की मांग है. उन्होंने यूं ही नहीं यह मुद्दा उठाया है. वैसे मोदी है तो मुमकिन है. इमरान मसूद ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम पर भी निशाना साधा है.

सहारनपुर में मंगलवार को दिल्ली जाते वक्त मेरठ में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए इमरान मसूद ने वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि, डॉ. संजीव बालियान केंद्रीय राज्यमंत्री है, उनका हर लफ्ज वजन रखता है, यूं ही नहीं उन्होंने यह मुद्दा उठाया है.” साथ ही उन्होंने कहा,” वैसे मोदी है तो मुमकिन है, शायद उन्हें समझ आ जाए.” उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी उप्र के हर व्यक्ति की वही भावना है, जो संजीव बालियान की है.

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नहीं मिल रहा है गुर्जरों को सही प्रतिनिधित्व

पत्रकारों से बात करते हुए इमरान मसूद ने गुर्जरों के मामले में कहा कि पश्चिमी यूपी में गुर्जरों की बड़ी तादाद होते हुए भी गुर्जर कैबिनेट मंत्री नहीं है. गुर्जरों को सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा क, हम तो पहले से ही अलग राज्य के पक्षधर रहे हैं. अगर वेस्ट यूपी को अलग राज्य बना दिया जाता है, तो विकास के साथ प्रदेश भी समद्ध होगा और सभी समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा.

जातिगत गणना की उठाई मांग

इमरान ने जातिगत जनगणना को लेकर कहा कि भाजपा प्रदेश में जातिगत गणना क्यों नहीं कराती. बिहार की तरह यहां भी जातिगत आंकडे़ जारी होने चाहिए.

जीरो पर आउट हो जाएगी बसपा

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए इमरान मसूद ने कहा कि अगर आने वाले लोकसभा चुनाव में मायावती गठबंधन में शामिल नहीं होती हैं तो बसपा जीरो पर आउट हो जाएगी. मायावती को गठबंधन में आना चाहिए, नहीं तो बहुत जगह उम्मीदवार भी नहीं मिलेंगे, कई सीटों पर जमानत भी नहीं बचेगी. आगे उन्होंने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि, साल 2007 में अपने दम पर सरकार बनाने वाले मायावती को 2022 में केवल एक सीट मिली, क्योंकि जो मूवमेंट कांशीराम ने चलाया था, वह वर्तमान में दम तोड़ रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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