(प्रतीकात्मक तस्वीर: X/@Whiteknight_IA)
भारत (India) और चीन (China) ने लद्दाख (Ladakh) के सीमावर्ती इलाकों देपसांग (Depsang) और डेमचोक (Demchok) में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया (Disengagement Process) पूरी कर ली है. बुधवार (30 अक्टूबर) को सूत्रों ने बताया कि गश्त जल्द ही शुरू होगी. उन्होंने बताया कि स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी. गुरुवार (31 अक्टूबर) को मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा.
सूत्रों ने बताया कि सैनिकों को पीछे हटाने का सत्यापन जारी है और जमीनी कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाना है. सत्यापन शारीरिक रूप से और मानव रहित हवाई वाहनों का उपयोग करके किया जा रहा है. इस प्रक्रिया के तहत बनाए गए शिविरों को ध्वस्त करना तथा जिस भूमि पर वे स्थित थे, उसे उनकी मूल स्थिति में बहाल करना शामिल है.
21 अक्टूबर को हुई थी घोषणा
यह घटनाक्रम 21 अक्टूबर को भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा पर गश्त की व्यवस्था (Patrolling Arrangements) पर सहमत हो गए हैं. चार दिन बाद चीन ने समझौते की पुष्टि करते हुए कहा था कि ‘चीनी और भारतीय सीमावर्ती सैनिक प्रासंगिक कार्य में लगे हुए हैं, जो इस समय सुचारू रूप से चल रहा है’.
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इस तरह से हुआ था गतिरोध
साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद से दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है. भारत और चीन के बीच गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था. इसके अगले महीने लद्दाख के गलवान में दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और चीनी पक्ष को भी नुकसान उठाना पड़ा था, हालांकि सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है.
इसके बाद से दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य-स्तरीय वार्ता शुरू हुई. सितंबर 2022 में भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख के विवादास्पद गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से हट गए और अप्रैल-2020 से पहले की स्थिति में लौट आए.
पीएम मोदी से जिनपिंग की मुलाकात
बीते 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रूस में BRICS Summit के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात की थी. 2019 के बाद से यह उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक था. इस दौरान दोनों नेताओं ने समझौते का स्वागत किया. पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा था, ‘हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होनी चाहिए कि हमारी सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे.’
-भारत एक्सप्रेस
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