भारत सरकार ने 3 जनवरी 2025 को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा (DPDP) नियमों का मसौदा जारी किया है. यह नियम व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण पर सुरक्षा उपायों को लागू करने के उद्देश्य से हैं, जो उपभोक्ताओं की रक्षा को सुनिश्चित करेंगे. संसद द्वारा अगस्त 2023 में पारित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा कानून के तहत ये नियम आए हैं. मसौदा नियमों में 18 फरवरी 2025 तक सार्वजनिक प्रतिक्रियाएँ मांगी गई हैं.
मुख्य बिंदु:
1. डेटा प्राधिकरण: सभी डेटा प्रोसेसर्स को डेटा सुरक्षा प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करनी होगी.
2. सहमति की आवश्यकता: व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने से पहले उपभोक्ताओं से स्पष्ट सहमति ली जाएगी.
3. डेटा सुरक्षा: कंपनियों को डेटा की सुरक्षा और लीक से बचने के लिए सख्त उपायों का पालन करना होगा.
4. डेटा अधिकार: उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा तक पहुंच, संशोधन और हटाने का अधिकार मिलेगा.
5. डेटा संग्रहण अवधि: कंपनियों को डेटा केवल आवश्यक समय तक संग्रहित करने की अनुमति होगी.
6. डेटा उल्लंघन की रिपोर्टिंग: कंपनियों को डेटा उल्लंघन की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करनी होगी.
7. संपर्क जानकारी: उपभोक्ताओं को डेटा प्रोसेसिंग गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी और उनके संपर्क विवरण सार्वजनिक होंगे.
यह कदम भारत में डेटा सुरक्षा के ढांचे को मजबूत करने और उपभोक्ताओं के अधिकारों और नवाचार के बीच सही संतुलन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
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