

मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को हरियाणा स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में बनी हुई है. उन्होंने भरोसा जताया कि मौजूदा आर्थिक संकेतक यह दिखा रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
डॉ. नागेश्वरन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को नवाचार-आधारित और समावेशी विकास को अपनाते हुए समष्टि आर्थिक स्थिरता बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मानव संसाधन, तकनीक, आधारभूत ढांचा और संरचनात्मक सुधारों में केंद्रित निवेश की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, “हालांकि वित्त वर्ष 2025 के अंतिम आंकड़े मई में सामने आएंगे, लेकिन अब तक जो संकेत मिल रहे हैं, वे भारत की प्रगति की पुष्टि करते हैं. हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, और हम संतुलित गति से आगे बढ़ रहे हैं.”
उन्होंने अपनी बात में ऊर्जा की किफायती उपलब्धता, हरित ऊर्जा की ओर बदलाव, रोजगार सृजन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), पूंजी और श्रम के बीच आय का बंटवारा, शिक्षा और कौशल विकास, मैन्युफैक्चरिंग व एमएसएमई का उभार, खाद्य सुरक्षा और निजी क्षेत्र की निवेश भागीदारी जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता में रखने की बात कही.
IMF ने भारत की विकास दर को लेकर जताया भरोसा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अप्रैल 2025 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार, भारत आने वाले दो वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. IMF का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% की दर से वृद्धि करेगी.
भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के रास्ते पर: नीति आयोग
इसी कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भी विचार रखे. उन्होंने कहा कि भारत का दीर्घकालिक लक्ष्य 2047 तक एक विकसित और उच्च आय वाले समाज में बदलने का है. उन्होंने आर्थिक विकास को गति देने के लिए श्रम उत्पादकता, निवेश और संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया.
सुमन बेरी ने कहा, “पिछले तीन दशकों में भारत ने 6.5 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल की है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. यह दर्शाता है कि भारत में संस्थागत परिपक्वता और लचीलापन है.”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक अस्थिरता भारत के लिए एक अवसर बन सकती है. “यह समय तेजी से आगे बढ़ने का है, क्योंकि जनसंख्या लाभांश, तकनीकी बदलाव और वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों का फायदा भारत को मिल सकता है.”
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-भारत एक्सप्रेस
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