Bharat Express

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के सेराज कुरैशी की बढ़ी ताकत, धुर विरोधी कलीमुल हफीज ने मिलाया हाथ

सेराज क़ुरैशी ने कहा कि इस सेंटर के मतदाता अगर उन्हें फिर से अध्यक्ष के रूप में सेवा का अवसर देंगे तो वो उसे स्वीकार कर सेंटर के बचे हुए कार्यों को समय सीमा के अन्दर पूरा कराएंगे।

इंडो-इस्लामिक संस्कृति के लिए देश और दुनिया में प्रतिष्ठित केंद्र, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, में जल्द होने वाले चुनाव में सेराजुद्दीन क़ुरैशी की ताक़त काफ़ी बढ़ गई है। क़ुरैशी के धुर विरोधी और अध्यक्ष पद के मज़बूत दावेदार इंजीनियर कलीमुल हफ़ीज़ ने उनके साथ हाथ मिला लिया है। मीडिया की उपस्थिति में अपने समर्थन का एलान करते हुए कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि सेंटर के आजीवन सदस्यों (मतदाताओं) से काफ़ी विचार-विमर्श के बाद उन्होंने सेराजुद्दीन क़ुरैशी साहब को समर्थन देने का निर्णय लिया है।

इस्लामिक सेंटर पर मुठ्ठीभर लोग करना चाहते हैं अनाधिकृत कब्जा 

कलीम ने कहा कि देश और दुनिया में ख्याति प्राप्त इस इस्लामिक सेंटर पर कुछ मुठ्ठीभर लोग अनाधिकृत क़ब्ज़ा करना चाहते हैं। जो इस सेंटर का व्यवसायिक उपयोग करके अपनी जेब गर्म करना चाहते हैं। ऐसे तत्वों को पराजित करने के लिए ही मैंने सेराज क़ुरैशी साहब का समर्थन करने का फ़ैसला किया है। इस अवसर पर अपने भाषण में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चार बार अध्यक्ष रह चुके सेराजुद्दीन क़ुरैशी ने कहा कि उनके लिए इस्लामिक सेंटर की गरिमा और इसके सदस्यों का हित ही सर्वोपरि है।

अध्यक्ष के रूप में सेवा का अवसर मिला तो करेंगे यह काम

क़ुरैशी ने कहा कि इस सेंटर के मतदाता अगर उन्हें फिर से अध्यक्ष के रूप में सेवा का अवसर देंगे तो वो उसे स्वीकार कर सेंटर के बचे हुए कार्यों को समय सीमा के अन्दर पूरा कराएंगे। क़ुरैशी ने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि बड़े उद्देश्य के लिए कलीमुल हफ़ीज़ साहब ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं। अपने भाषण में सेंटर के उपाध्यक्ष रहे एसएम ख़ान ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले के बाद कलीमुल हफ़ीज़ का सिराज क़ुरैशी को समर्थन देना इस बात का द्योतक है कि सेराज ने अपने कार्यकाल में इस्लामिक सेंटर के विकास और इसकी गरिमा को बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

इन लोगों ने व्यक्त किए अपने विचार 

इस अवसर पर  क़ुरैशी की टीम के अबूज़र हुसैन ख़ान, सिकंदर हयात, बहार बर्क़ी, सरताज अली ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। सेंटर के वरिष्ठ सदस्य डॉ. वारिस अहमद ख़ान ने कहा कि सेराजुद्दीन साहब ने इस्लामिक सेंटर के नियम के विरुद्ध कभी कोई भी काम नहीं किया यही कारण है कि दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय उनके हक़ में आया। डॉ वारिस ख़ान ने कहा कि सेराज साहब ने न सिर्फ़ लुटियन ज़ोन में एक खंडहर को आलीशान इमारत में तब्दील किया बल्कि इसको देश और दुनिया में पहचान दिलाई यही वजह है कि कलीमुल हफ़ीज़ जैसे महत्वपूर्ण लोग सेराज साहब को समर्थन देने के लिए तैयार हो गए।

इसे भी पढ़ें: झामुमो की दूसरी सूची जारी होते ही पार्टी में मचा घमासान, बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने राजमहल से निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

ये लोग रहे मौजूद

इस्लामिक सेंटर के एक अन्य सदस्य डॉ एम रहमतुल्लाह ने कहा कि सेराजुद्दीन क़ुरैशी साहब का निस्वार्थ सेंटर के लिए किया गया काम देश और समाज के लोगों को उनके समर्थन के लिए प्रेरित करता है। मुबीना अबरार ने कहा कि कलीमुल हफ़ीज़ साहब और सेराज क़ुरैशी साहब को एक प्लेफ़ार्म पर लाने में अज़ीज़ुर रहमान और आसिफ़ ज़ैदी ने जो भूमिका निभाई है वो अमूल्य है। इस अवसर पर सेराज क़ुरैशी की टीम के अज़ीज़ुर रहमान, आसिफ़ ज़ैदी, सफ़िया बेगम, एडवोकेट इर्शाद अहमद, कफ़ील अख़्तर, अबरार अहमद, मो शहनवाज़, रिज़वाना मुश्ताक़, आरिफ़ हुसैन, शफ़ीक़ कुरैशी, अख़तर आदिल, डॉ माजिद देवबंदी, इमरान ख़ान, जावेद असलम, ख़ुसरो ख़ान, हाफ़िज़ मतलूब, इदरीस ख़ान, असलम जावेद समेत बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे।

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read