(प्रतीकात्मक तस्वीर)
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार (9 जनवरी) को घोषणा की कि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेन इंजन दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंजन है. प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान ‘ग्रीन कनेक्शन: डायस्पोरा का सतत विकास में योगदान’ शीर्षक से आयोजित एक पूर्ण सत्र में बोलते हुए वैष्णव ने कहा कि दुनिया में केवल चार देश ही ऐसे ट्रेन इंजन बनाते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वैष्णव ने कहा, ‘वे 500 से 600 हॉर्स पावर के बीच उत्पादन करते हैं, जबकि भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके निर्मित इंजन का उत्पादन 1,200 हॉर्स पावर है, जो इस श्रेणी में अब तक का सबसे अधिक है.’
ट्रायल रन
मंत्री ने कहा कि हरियाणा में जल्द ही जींद-सोनीपत मार्ग पर इस तरह की पहली ट्रेन का ट्रायल रन होने की उम्मीद है. वैष्णव ने बताया कि इंजन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन इसका सिस्टम इंटीग्रेशन अभी प्रगति पर है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की तकनीकी प्रगति से स्पिन-ऑफ उत्पाद और सेवाएं मिल सकती हैं.
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उन्होंने कहा कि जब देश इतने बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेन इंजन बना सकता है, तो इस तकनीक को ट्रकों, टगबोट और अन्य के लिए पावर ट्रेन बनाने में इस्तेमाल करने की संभावना को समझा जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए व्युत्पन्न तकनीक बनाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है.’
उन्होंने कहा कि इस तरह की तकनीकी उन्नति से राष्ट्र को आत्मविश्वास मिलता है और तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने के मामले में भारत को अभी लंबा सफर तय करना है तथा मूल्य श्रृंखला के कुछ हिस्सों को और मजबूत बनाने की जरूरत है.
-भारत एक्सप्रेस
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