केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यों को 1,73,000 करोड़ रुपये का कर हस्तांतरण किया, जो दिसंबर 2024 में जारी किए गए 89,086 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों को उनके पूंजीगत व्यय और विकास तथा कल्याण से जुड़े खर्चों को तेज करने में मदद के लिए इस महीने अधिक राशि हस्तांतरित की गई है.
इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल को सबसे अधिक धनराशि आवंटित की गई है. वित्त वर्ष 2025 (FY25) के बजट अनुमानों के अनुसार, राज्यों का हिस्सा 12,20,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जो वित्त वर्ष 2024 (FY24) के संशोधित अनुमानों की तुलना में 10.4 प्रतिशत अधिक है.
विभाज्य कर पूल से हस्तांतरण की प्रक्रिया
आमतौर पर विभाज्य कर पूल से राशि 14 किश्तों में राज्यों को हस्तांतरित की जाती है. इनमें से 11 किश्तें 11 महीनों में दी जाती हैं और शेष तीन किश्तें मार्च में जारी की जाती हैं.
15वें वित्त आयोग की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद राज्यों को केंद्रीय करों का 41 प्रतिशत हिस्सा हस्तांतरित करने की सिफारिश की गई थी. इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने 42 प्रतिशत करों का हस्तांतरण सुझाया था.
उपकर और अधिभार से राज्यों की हिस्सेदारी प्रभावित
हालांकि, केंद्रीय सरकार द्वारा लगाए गए उपकर और अधिभार राज्यों के साथ साझा नहीं किए जाते, जिससे राज्यों का हिस्सा कम हो सकता है. अप्रैल से नवंबर 2025 तक राज्यों को किए गए हस्तांतरण में 5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़े नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CGA) द्वारा जारी किए गए हैं.
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 में पूंजीगत व्यय के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को ब्याज-मुक्त पूंजीगत ऋण देने के नियमों को आसान बनाने की योजना बनाई है. इस पहल का उद्देश्य राज्यों को उनके बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
-भारत एक्सप्रेस
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