
India-Pakistan Tensions: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हुई है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे. हमलावरों ने पीड़ितों से धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया, जिससे पूरे देश में आक्रोश का माहौल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद से लगातार उच्च-स्तरीय बैठकों का सिलसिला जारी रखा है. 5 मई 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की, जो 48 घंटों में दूसरी मुलाकात थी. इससे पहले, 29 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की गई थी.
पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
इन बैठकों में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा की गई. भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित करने, अटारी-वाघा सीमा को बंद करने, पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा रद्द करने और उच्चायुक्तों को वापस बुलाने जैसे कदम उठाए हैं .
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है, ताकि नागरिकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके .
क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर नजर बनाए रखना आवश्यक है
पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामले को उठाया है. हालांकि, परिषद के अधिकांश सदस्य देशों ने पाकिस्तान से जवाब तलब किया है, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा है .
भारत सरकार की यह कड़ी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि, पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर नजर बनाए रखना आवश्यक है.
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-भारत एक्सप्रेस
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