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दिल्ली अध्यादेश बिल पर ‘INDIA’ देगा मोदी सरकार को कड़ी चुनौती, एंबुलेंस और व्हीलचेयर से पहुंचगें ये वरिष्ठ नेता, जानें क्या है रणनीति

Delhi Ordinance Bill: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल पर घमासान मचा हुआ है. एक तरफ केंद्र सरकार इसे सदन में पास कराना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने इस बिल को रोकने के लिए विपक्ष का समर्थन हासिल कर लिया है. अब विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ किसी भी हाल में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसके लिए विपक्ष ने खास रणनीतियां तैयार करते हुए अपने घटक दल के सांसदों को एक व्हिप जारी किया है, जिसमें अस्वस्थ नेताओं को एम्बुलेंस और व्हील चेयर के जरिए सदन तक पहुंचाया जाएगा. विपक्ष वो हर कदम उठाने की तैयारियां कर रहा है, जिससे इस बिल पर चर्चा और मतदान के दौरान केंद्र सरकार को कड़ी चुनौती दी जा सके.

दरअसल कांग्रेस समेत गठबंधन में शामिल दलों की कोशिश है कि जब ये विधेयक संसद में आए तो उस दौरान उनके सभी सांसद (100 फीसदी) सदन में मौजूद रहें. विपक्षी सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2023 पर मतदान हो सकता है. संसद में अगले सप्ताह यह विधेयक लाए जाने की संभावना है.

एंबुलेंस और व्हीलचेयर के जरिए लाया जाएगा सदन

सुत्रों के मुताबिक, जब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी सदन में आने की संभावना है. सिर्फ मनमोहन ही नहीं उनके अलावा कई वरिष्ठ अस्वस्थ नेताओं के सदन में आने की चर्चा है. एंबुलेंस और व्हील चेयर के जरिए अस्वस्थ्य नेताओं को सदन में लाया जाएगा. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन (79) भी संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं. उनके अलावा जदयू के सांसद वरिष्ठ शिष्ठ नारायण सिंह के भी एम्बुलेंस में जरिये सदन में पहुंचने की संभावना है.

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बिल लाने से पहले विपक्ष को बताने का अनुरोध

टीएमसी और कांग्रेस के वरिष्ठ राज्यसभा सांसदों ने इस बिल को लेकर सदन के नेता पीयूष गोयल से बात की है. टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन और कांग्रेस नेता वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सदन के नेता से अनुरोध किया कि जब यह विधेयक सदन में लेकर आए तो विपक्ष को पहले सूचित कर दिया जाए. ताकि वह अपने सभी सांसदों को समय से सदन में लेकर आ सकें. विपक्षी सांसदों का कहना है कि जब जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 में सदन में लाया गया था तो हमें अपना रूख तैयार करने का मौका नहीं पाया था.

– भारत एक्सप्रेस

Rahul Singh

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