जैश अल अदल पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ज्यादा एक्टिव है. (Pic Credit- Dawn)
Jaish-Al-Adl: ईरान की सेना ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मिसाइलें दागी। ईरान की सेना ने यह हमला आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर किया. इस बीच पाकिस्तान और ईरान के बीच विवाद हो गया है. ईरान के इस हमले के बाद सवाल उठ रहा है कि जैश अल अदल इतना खतरनाक है कि उसने अहम पड़ोसी को दरकिनार कर हमला किया हैं. आइये जानते हैं क्या हैं जैश अल अदल जिसके खात्मे के लिए ईरान ने किए हमले-
जैश अल अदल का हिंदी में अर्थ है न्याय की सेना. एक ऐसी सेना जो न्याय के लिए लड़ाई लड़े. इस आतंकी संगठन का मुख्यालय बलूचिस्तान में है. ये संगठन पहले जुंदल्लाह का हिस्सा था. जुंदल्लाह भी एक वैश्विक आतंकी संगठन है. इस आतंकी संगठन की स्थापना 2012 में हुई थी. ये आतंकी संगठन अक्सर ईरान में घुसकर अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है. जानकारी के अनुसार इसी संगठन के लड़ाकों ने ईरान से कुलभूषण जाधव को पकड़ा था.
3 देशों में आतंकी संगठन का नेटवर्क
यह आतंकी संगठन तीन देशों में अपना दखल रखता है. पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान और ईरान में भी इसका प्रभुत्व है. हालांकि बलुचिस्तान इस आतंकी संगठन का मुख्य ठिकाना है. अफगानिस्तान- पाक सीमा के पास ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में भी इसने कई गतिविधियां की हैं. ईरान में 2009 में पांच बड़े धमाके किए गए थे सभी धमाकों में इस आतंकी संगठन का नाम आया था. हालांकि इस संगठन से ईरान इसलिए नाराज है क्योंकि ईरानी बाॅर्डर पर स्थित सिस्तान बलूचिस्तान क्षेत्र को यह संगठन ज्यादा निशाना बनाता रहता है.
पुलिस स्टेशन पर आतंकी हमले का लिया बदला
पिछले साल दिसंबर में ईरान के सिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर इस आतंकी संगठन से हमला किया था. जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. हालांकि हमले के बाद पाकिस्तान ने नाराजगी जताई थी. ईरान ने बलुचिस्तान के पंजगुर इलाके में हमला किया है. यह संगठन का मजबूत ठिकाना रहा है. वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस हमले में 2 बच्चों की मौत हो गई वहीं 3 अन्य घायल हो गए हैं.
यह भी पढ़ेंः Ram Mandir: आगरा से अयोध्या की पैदल यात्रा पर निकले उस्मान और प्रिंस, बोले- भगवान श्रीराम सबके हैं,
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.