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Bihar Politics: बिहार में फ्लोर टेस्ट पर सियासी संकट, क्या नीतीश सरकार का गेम बिगाड़ेंगे मांझी, समझिए पूरा गणित

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को सरकार में 2 मंत्री पद दिए जाने का वादा किया गया था. उसे पूरा किया जाए.

nitish kumar and jitanram manjhi

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और सीएम नीतीश कुमार

झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद नए मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन आज (5 फरवरी) विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. इसी बीच बिहार में 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक तरफ कांग्रेस अपने विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिश में लगी है, तो दूसरी ओर एनडीए में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन दे रहे HAM के मुखिया जीतनराम मांझी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

अपनी मांगों पर अड़े हैं मांझी

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को सरकार में 2 मंत्री पद दिए जाने का वादा किया गया था. उसे पूरा किया जाए. अभी सिर्फ सरकार में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है. ऐसे में अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तो उनके टूटने का डर है. वहीं कांग्रेस ने भी उन्हें ऑफर दिया है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा था कि जीतनराम मांझी उनके साथ आ जाएं, उन्हें सीएम पद दिया जाएगा.

चिराग पासवान ने किया मांगों का समर्थन

इसी बीच जीतनराम मांझी की मांगों का एलजेपी (रामविलास पासवान) के मुखिया चिराग पासवान ने भी समर्थन किया है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 4 विधायक हैं. एक हफ्ते पहले ही आरजेडी ने मांझी को ऑफर दिया था. जिसकी खबरें भी सियासी गलियारों में उड़ी थीं. हालांकि बाद में हम पार्टी ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए एनडीए के साथ रहने का भरोसा दिलाया था. कहा तो ये भी जा रहा है कि जीतनराम मांझी की मांगों को पूरा करना नीतीश सरकार की मजबूरी और जरूरी दोनों है.

यह भी पढ़ें- झारखंड में CM चंपई सोरेन की असली परीक्षा आज, विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत

12 फरवरी को होगा फ्लोर टेस्ट

बता दें कि 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. जिसमें नंबर गेम काफी मायने रखता है. विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है. इसके लिए 122 विधायकों का साथ होना जरूरी है. अभी फिलहाल NDA के पास 128 विधायकों का संख्या बल है. यानी कि बहुमत के आंकड़े से आगे हैं. जिसमें बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, HAM के 4 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है. दूसरी तरफ विपक्ष के पास 114 विधायक हैं. जिसमें अभी भी 8 विधायकों की कमी है बहुमत के लिए. आरजेडी के पास 79, कांग्रेस के पास 19 और लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं. इसके अलावा AIMIM का एक विधायक अभी भी किसी गठबंधन में शामिल नहीं हुआ है.

तेजस्वी ने दिया था बयान

सियासी उथल-पुथल के बीच पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि अभी बिहार की सियासत में खेल बाकी है. ऐसे में सभी की नजरें जीतनराम मांझी के अगले कदम पर टिकी हुई हैं. अगर मांझी ने अगला कदम एनडीए के मुताबिक, नहीं बढ़ाया तो नीतीश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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