Bharat Express

Joshimath: खतरे में जोशीमठ के 600 से ज्यादा घर, केंद्र सरकार ने बनाई समिति, 3 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

Joshimath: वैज्ञानिकों ने सरकार को सुझाव दिया था कि शहर के ड्रेनेज व सीवर सिस्टम पर ध्यान दिया जाए. साथ ही यह भी सुझाव दिया था कि नदी से हो रहे भू-कटाव को रोका जाना चाहिए.

joshimath sinking

जोशीमठ में घरों में दरार (फोटो-IANS)

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव ने पूरे शहर को खतरे में डाल दिया है. भू-धंसाव के कारण लोगों में दहशत का माहौल है और लोग अपना घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं. जोशीमठ की इस स्थिति ने राज्य और केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. अब इस मामले में केंद्र सरकार तेजी से कदम उठाती नजर आ रही है. केंद्र ने जोशीमठ भू- धंसाव के रहस्य का पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

इस संबंध में केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. वहीं शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी देहरादून में अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की थी. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को सबसे पहले प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए. जोशीमठ में भू-धंसाव के अध्ययन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने भी समिति गठित की है. ये समिति बारीकी से जोशीमठ का अध्ययन करेगी. बता दें कि जोशीमठ में लगातार दरारें चौड़ी होती जा रही हैं, जिससे लोग दहशत में हैं. सड़कों पर पानी का धार फूटती नजर आ रही है. इस कारण शहर के लोगों में दहशत का माहौल है.

भू-धंसाव के कारण बढ़ा खतरा

जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है. घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. कल एक मंदिर भी ढह चुका है. साथ ही जमीन के भीतर से लगातार पानी निकल रहा है. यहां 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं. राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है. आज खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ जाएंगे और वहां के हालात का जायजा लेंगे.

ये भी पढ़ें: Joshimath: जोशीमठ के 561 घरों में दरार, जमीन से फूट रही पानी की धार, खौफ में शहर, कई परिवारों का पलायन

ड्रेनेज व सीवर सिस्टम पर ध्यान देने का वैज्ञानिकों ने दिया था सुझाव

इसके पहले, वैज्ञानिकों ने सरकार को सुझाव दिया था कि शहर के ड्रेनेज व सीवर सिस्टम पर ध्यान दिया जाए. साथ ही यह भी सुझाव दिया था कि नदी से हो रहे भू-कटाव को रोका जाना चाहिए. निचली ढलानों पर रहने वाले परिवारों का विस्थापन होना चाहिए. बड़ी संरचनाएं क्षेत्र के लिए खतरा हो सकती हैं. इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाए.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read