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केजरीवाल ने SC में दायर याचिका वापस ली, जमानत पर स्थायी रोक लगाए जाने के High Court के आदेश को दी थी चुनौती

अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उन्हें 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी.

arvind kejriwal

सीएम अरविंद केजरीवाल.

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका को वापस ले ली है. मामले की सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि 21 जून के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर हुई थी, जिसमें कोर्ट ने जमानत पर अंतरिम रोक लगा दिया था. हाई कोर्ट ने 25 जून को जमानत पर स्थायी रोक लगा दिया है, जिसके बाद हम नई याचिका दायर करेंगे.

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ट्रायल कोर्ट की यह टिप्पणी कि भारी भरकम सामग्री पर विचार नहीं किया जा सकता है, पूरी तरह से अनुचित है. कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत का रुख यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है.

अवकाशकालीन जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने कहा था कि यह समझ में नही आता कि एक ओर निचली अदालत के अवकाशकालीन जज ने आदेश पारित करते समय हजारों पन्नों वाले सम्पूर्ण दस्तावेजों को देखने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है और दूसरी ओर पैरा संख्या 36 में अवकाशकालीन जज ने कैसे उल्लेख किया है कि पक्षों की ओर से उठाए गए प्रासंगिक तर्को और विवादों से निपटा गया है.

दस्तावेजों को पढ़ना संभव नहीं

हाई कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत को ईडी को जमानत याचिका पर उचित बहस का मौका दिया जाना चाहिए था. कोर्ट ने कहा था कि पीएमएलए की अनिवार्य शर्तो को निचली अदालत में पूरी तरह से जिरह नहीं किया गया. दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों का भी जिक्र किया. जिसमें राजू ने कहा था कि निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इतने दस्तावेजों को पढ़ना संभव नहीं था.

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निचली अदालत ने अपने जमानत आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया केजरीवाल का दोष अभी साबित नहीं किया गया है और ईडी धन शोधन मामले में अपराध से मिली आय से उनके संबंध को लेकर कोई स्पष्ट सबूत पेश करने में नाकाम रही हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्र्ष्टाचार को लेकर सीबीआई से इसकी जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद इसे 2022 में रदद् कर दिया गया था.

21 मार्च ईडी ने किया गिरफ्तार

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उन्हें 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और 2 जून को वापस केजरीवाल ने सरेंडर किया था.

-भारत एक्सप्रेस

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