बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक के लिए बढ़ी.
अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी विभव कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनकी तीन दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में पेश किया गया था.
पुलिस ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी जिसे मजिस्ट्रेट ने स्वीकार कर लिया. दूसरी ओर हाईकोर्ट ने कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.
उनकी याचिका विचारणीय नहीं है
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा पहले इस मुद्दे पर फैसला करेंगी कि कुमार की याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए या नहीं. पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि कुमार को मजिस्ट्रेट ने अगर उन्हें गैर कानूनी तरीके से हिरासत में भेजा है तो उसके लिए उन्हें सत्र अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करना चाहिए. इसके लिए उनके पास 90 दिनों का समय है, लेकिन उन्होंने मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती नहीं दी है.
पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने कहा कि इस मुद्दे पर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 20 मई को विचार किया था और सभी तथ्यों को देखने के बाद उन्हें हिरासत में भेजा था. कुमार को गिरफ्तारी से पहले नोटिस दिया गया था और इसका कारण बताया गया था. इस बात को छुपाया गया है और याचिका में इसका उल्लेख नहीं किया गया है. इस तरह से उनकी याचिका विचारणीय नहीं है. उसे खारिज कर दिया जाए.
इससे पहले भी हो चुका है खारिज
कुमार के वकील हरिहरन ने कहा कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी बिना आधार के की गई है. उनकी मांग सिर्फ यह है कि गिरफ्तारी अवैध है. इससे पहले सोमवार को कुमार की जमानत याचिका एक सत्र अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि प्रतीत होता है कि एफआईआर दर्ज कराने का मालीवाल का कोई पूर्व-नियोजित इरादा नहीं था और उनके ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज नहीं किया जा सकता है.
कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उसी दिन एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था. कुमार के खिलाफ एफआईआर 16 मई को आईपीसी की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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