सांकेतिक तस्वीर.
केरल के एर्नाकुलम में IV एडिशनल सेशन कोर्ट (CBI स्पेशल कोर्ट-II) ने पेरिया डबल मर्डर केस में आज, 3 जनवरी 2025, को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने 10 दोषियों को उम्रकैद और 4 दोषियों को 5 साल की सजा के साथ ₹21,40,000 का कुल जुर्माना लगाया.
उम्रकैद पाने वाले दोषियों में पीतांबरन ए, साजी सी जॉर्ज उर्फ साजी, सुरेश के.एम., अनिल कुमार के उर्फ अबू, गिजिन, श्रीराग आर उर्फ कुट्टू, अश्विन ए उर्फ अप्पू, सुबीश उर्फ मणि, रंजीत टी उर्फ अप्पू और ए. सुरेन्द्रन उर्फ विष्णु सुरा शामिल हैं. वहीं, 5 साल की सजा पाने वाले दोषियों में मणिकंदन, के.वी. कुन्हीरामन उर्फ उडुमा कुन्हीरामन, रघवन वेलुथोली और के.वी. भास्करन शामिल हैं.
मामले की पृष्ठभूमि
इस मामले की शुरुआत 17 फरवरी 2019 को हुई थी, जब राजनीतिक दुश्मनी के चलते पेरिया गांव में दो युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं, कृपेश और सरथलाल, की निर्मम हत्या कर दी गई थी. मामले की जांच पहले बेक्कल पुलिस स्टेशन और फिर राज्य अपराध शाखा ने की, लेकिन केरल हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2019 को इस केस की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया.
सीबीआई ने 23 अक्टूबर 2019 को मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पीतांबरन ए ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पेरिया गांव के इचिलाडुक्कम बस शेड के पास एक साजिश रची. 17 फरवरी 2019 को आरोपी कृपेश और सरथलाल की हत्या करने के इरादे से घात लगाकर बैठे. जैसे ही दोनों मोटरसाइकिल से आए, आठ आरोपियों ने लोहे की पाइप और तलवारों से उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
सीबीआई की जांच
जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 3 दिसंबर 2021 को चार्जशीट दाखिल की. इसमें 14 आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे.
कोर्ट का फैसला
28 दिसंबर 2024 को दोषियों को दोषी करार देने के बाद, कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि हत्या के इस जघन्य अपराध में दोषियों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते निर्दोष लोगों की जान ली.
मामले का महत्व
पेरिया डबल मर्डर केस ने केरल की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. सीबीआई की गहन जांच और कोर्ट के फैसले को न्याय की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
- भारत एक्सप्रेस
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