(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
International flights: पिछले वर्ष भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों ने जनवरी से नवंबर महीनों तक कुल 64.5 मिलियन (6.45 करोड़) अंतरराष्ट्रीय यात्री ढोए, जो 2023 के समान समय अवधि के मुकाबले 11.4% की वृद्धि दर्शाता है. 2023 में ये संख्या 58 मिलियन थी. इस दौरान भारतीय एयरलाइनों ने 29.8 मिलियन यात्रियों को ढोया, जबकि विदेशी एयरलाइनों ने 34.7 मिलियन यात्रियों को सेवा दी.
आंतरिक यातायात में बढ़ोतरी
देशी विमानन कंपनियों ने 2024 के जनवरी-नवंबर तक कुल 146.4 मिलियन यात्री ढोए, जो कि 2023 में 138.2 मिलियन था. यह 5.9% की वृद्धि दर्शाता है. 2024 में 17 नवंबर को एक दिन में 5 लाख से ज्यादा घरेलू यात्री सफर करने का नया रिकॉर्ड बना.
संपूर्ण विमानन क्षेत्र में सुधार
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से भारतीय विमानन क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए “भारतीय विमानन अधिनियम 2024” को लागू किया. इस अधिनियम का उद्देश्य भारत के विमानन उद्योग को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है और ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को बढ़ावा देना है. इस कानून के तहत विमान लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के अनुरूप लाने का लक्ष्य है.
विकास, हरित ऊर्जा का अपनाना
केंद्र सरकार ने भारतीय विमानन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई नए कदम उठाए हैं. पिछले साल वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनल की नींव रखी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया. इसके अलावा, 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना को ‘इन-प्रिंसिपल’ स्वीकृति दी गई.
महिलाओं के लिए अवसर बढ़े
भारतीय विमानन उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत 2025 तक महिलाओं की संख्या को 25% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
हरित ऊर्जा का बढ़ता उपयोग
सरकार ने 80 हवाई अड्डों को 100% हरित ऊर्जा पर स्विच करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें 2024 में 12 हवाई अड्डों ने इस बदलाव को लागू किया है.
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